Sports News: पृथ्वी शॉ ने कहा एक बार फिर खेलूंगा बड़ी पारी, तीन अर्धशतक लगाने पर किसी ने नहीं दी बधाई !
वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच में शतक जमाने वाले युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithi Shaw) खराब फॉर्म के कारण टीम इंडिया से बाहर कर दिए गए थे. शॉ मौजूदा सत्र में उन मानकों पर खरे नहीं उतरते जो उन्होंने तय किए हैं लेकिन इस युवा खिलाड़ी को पता है कि क्रिकेट भी जीवन की तरह है जहां लगातार उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। ये युवा खिलाड़ी इस समय रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) खेल रहा है और अपनी कप्तानी में मुंबई को फाइनल में ले गया है. फाइनल में मुंबई का सामना मध्य प्रदेश (Mumbai vs MP) से होना है. यहां भी शॉ का प्रदर्शन ज्यादा खास नहीं रहा है. वह सिर्फ तीन अर्धशतक ही जमा पाए हैं. घरेलू क्रिकेट की दिग्गज टीम मुंबई को रणजी ट्रॉफी फाइनल में मध्य प्रदेश का सामना करना है और पृथ्वी नहीं चाहते कि इंग्लैंड दौरे पर या आयरलैंड जाने वाली भारत की टी20 इंटरनेशनल टीम में जगह नहीं मिलने के बारे में सोचकर उनका ध्यान भटके।
* नही है टीम इंडिया में वापसी पर ध्यान :
यह पूछने पर कि क्या राष्ट्रीय टीम में वापसी को वह तवज्जो नहीं देते? पृथ्वी ने कहा, भारतीय टीम में वापसी के बारे में अभी मैं बिलकुल भी नहीं सोच रहा. कप जीतना मेरा मुख्य उद्देश्य है और इसे जीतने के अलावा किसी और चीज के बारे में नहीं सोच रहा।
* पंडित सर से मिला पाऊंगा आंख :
पृथ्वी जब पहली बार मुंबई की टीम में आए थे तो चंद्रकांत पंडित टीम के कोच थे और अब जब वह फाइनल में 41 बार के चैंपियन मुंबई की अगुआई करेंगे तो यह दिग्गज कोच विरोधी टीम के साथ होगा. मुंबई के कप्तान ने कहा, मुझे लगता है कि मैं पांच साल बाद चंदू सर (कोच पंडित) से आंख मिला पाऊंगा. 2016 या 2017 में ऐसा नहीं था. सभी को मालूम है कि चंदू सर कड़े व्यक्ति हैं और लंबे समय बाद उनसे दोबारा मिलना अच्छा होगा।
* मुझे किसी ने नहीं दी बधाई :
मुंबई के कप्तान पृथ्वी ने फाइनल की पूर्व संध्या पर कहा, मैंने कुछ (तीन) अर्धशतक जड़े हैं लेकिन निश्चित तौर पर यह मेरे लिए पर्याप्त नहीं हैं और यहां तक कि अर्धशतक जड़ने के बाद किसी ने मुझे बधाई भी नहीं दी और आपको भी बुरा लगता है (मजाकिया लहजे में कहा). कभी-कभी ऐसा होता है लेकिन मुझे खुशी है कि मेरी टीम अच्छा कर रही है. एक कप्तान के रूप में मुझे यहां मेरे साथ आए सभी 21 खिलाड़ियों के बारे में सोचना होता है और सिर्फ अपने बारे में नहीं ।
* अमोल मजूमदार के बारे में कहा ये :
मुंबई के कोच की जिम्मेदारी घरेलू क्रिकेट के दिग्गज अमोल मजूमदार निभा रहे हैं और पृथ्वी ने उनके मार्गदर्शन को विशेष करार दिया.उन्होंने कहा, सभी को पता है अमोल सर ने काफी घरेलू क्रिकेट खेला है और काफी रन बनाए हैं. उनके पास काफी अनुभव है और हम काफी भाग्यशाली हैं कि वह हमारे साथ हैं।
* टीम के युवाओं को दिया खास संदेश :
पृथ्वी सिर्फ 22 साल के हैं और 33 प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके हैं लेकिन जब उनसे पूछा गया कि वह टीम के युवाओं को क्या संदेश देना चाहते हैं तो उन्होंने कहा, मैं सबसे पहले तो यह कहना चाहूंगा कि मुझे उन पर गर्व है कि वे यहां तक पहुंचे. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि मैदान पर उतरकर खेल का लुत्फ उठाओ. मैं टीम के युवाओं को कहना चाहता हूं कि उन्हें वही करना है जो वे अंडर-25 या अंडर-19 में करते आए हैं, बस यहां का स्तर अधिक कड़ा है। उन्होंने कहा, मेरे लिए नतीजे मायने नहीं रखते बल्कि सभी का प्रयास मायने रखता है. मैंने उनसे सिर्फ इतना कहा है कि वही करो जो इतने वर्षों से कर रहे हो।