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एक बार फिर ईशान किशन ने घरेलू क्रिकेट से दूर रहने का फैसला किया है. झारखंड और राजस्थान के बीच आज (शुक्रवार) से शुरू हुए रणजी मैच में वह अपनी राज्य टीम के लिए मैदान पर नहीं उतरे। माना जा रहा था कि बीसीसीआई के निर्देश के बाद वह इस बार झारखंड की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होंगे, लेकिन उन्होंने एक बार फिर इन निर्देशों को नजरअंदाज कर दिया। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई ईशान किशन के व्यवहार पर क्या कार्रवाई करती है।

ईशान किशन के रवैये को बगावत जैसा समझा जा सकता है। दरअसल, पिछले साल दिसंबर में ईशान ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से अपना नाम वापस ले लिया था। उस वक्त बीसीसीआई ने कहा था कि इशान ने निजी कारणों से ब्रेक लिया है। हालांकि, बाद में इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि ईशान ने मानसिक थकान के कारण टीम से ब्रेक लिया है। इस थकान का कारण यह बताया गया कि ईशान लंबे समय से टीम इंडिया के साथ थे, लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन में मौका तभी दिया जाता था जब कोई मुख्य खिलाड़ी या तो चोटिल हो या अनुपलब्ध हो।

इसके बाद एक रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि जब ईशान किशन मानसिक थकान का हवाला देकर क्रिकेट से ब्रेक लेकर विदेश में छुट्टियां मना रहे थे, तब बीसीसीआई उनके व्यवहार से खुश नहीं थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बीसीसीआई ने इशान को रणजी क्रिकेट खेलकर फॉर्म हासिल करने की सलाह दी थी।

हालांकि ईशान ने बीसीसीआई की बात नहीं मानी और जनवरी से लेकर अब तक उन्होंने एक भी रणजी मैच नहीं खेला है। इसके बजाय, उन्होंने व्यक्तिगत प्रशिक्षण लेना उचित समझा। हाल ही में उन्हें मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पंड्या के साथ आईपीएल की तैयारी करते हुए भी देखा गया था। वहीं टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ ने साफ कर दिया है कि जब इशान किशन घरेलू क्रिकेट में अच्छा स्कोर करेंगे, तभी उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे खुलेंगे।

उन्हें अफगानिस्तान सीरीज से भी होना पड़ा बाहर

इशान किशन के व्यवहार के कारण उन्हें अफगानिस्तान के खिलाफ टी20 सीरीज में भी मौका नहीं दिया गया। इस बीच इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में चयनकर्ताओं ने उनकी जगह ध्रुव जुरेल को मौका दिया. अब देखना यह है कि ईशान के इस बगावती रवैये पर बीसीसीआई क्या प्रतिक्रिया देती है।

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