Astrology news: जानिए ज्योतिष के अनुसार कौन से दिन कौन सा कार्य करें और कौन सा नहीं
सप्ताह में 7 दिन होते हैं, ज्योतिष के अनुसार हर दिन का अलग महत्व है, ऐसे में आज हम आपको बताएंगे किस दिन कौन से देवी देवताओं के नाम से पूजा आराधना करनी चाहिए और किस दिन क्या करना चाहिए सनातन धर्म के अनुसार सप्ताह का प्रत्येक दिन हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ता है, सप्ताह में सात राते होती हैं जिसमें कोई रात अच्छी कोई दिन अच्छा कोई रात बुरी कोई रात बुरी होती है। ऐसे में हमें यह जानना बेहद जरूरी है कि दिन के अनुसार कौन सा कार्य किस दिन करें।
रविवार:- रविवार को सूर्य देवता का दिन माना जाता है इस दिन सूर्य देवता की आराधना की जाती है, रविवार के दिन यदि आपका सूर्य कमजोर हो तो आप उपवास कर सकते हैं, सूर्योदय के समय जल देकर और उपवास रख कर. इस दिन यदि उपवास नहीं कर पाते है, तो नमक न खाये. साधारण भाषा में इसे बंद वार भी कहते हैं, इस वार को बहुत सी कंपनियां बहुत से कारोबार बंद रहते हैं. इसी के कारण इसे बंद वार कहते हैं. रविवार का स्वामी ग्रह तेजस्वी सूर्य हैं सभी प्रकार के कार्यों के लिए यह दिन माना जाता है.
सोमवार:- यह दिन भगवान शंभू नाथ का दिन माना जाता है इस दिन के जन्मे जातक गुस्सा ज्यादा आता है. इस दिन से कुंवारी लड़कियां व्रत उपवास करके अपने जीवनसाथी की कामना करते हैं. शंकर भगवान और मां पार्वती जी की सोमवार पूजा करने से मनचाहा वर प्राप्त होता है.
मंगलवार:- यह दिन भगवान पवन पुत्र हनुमान जी का होता है, इस दिन ब्रम्हचर्य का पालन करना उचित रहता है. भगवान हनुमान जी आज भी हमारे बीच हैं यह हमें हर बुरी आत्माओं से बचाते हैं हमारी आज भी रक्षा करते हैं इन्हें बजरंगबली भी कहा जाता है. यह बहुत ही बलवान व शक्तिशाली है इस दिन व्यक्ति को किसी भी प्रकार के मांस मदिरा से दूर रहना चाहिए इस दिन हमें उधारी पैसा नहीं देना चाहिए ऐसा करने से वापसी के बहुत कम चांसेस होते है, मंगलवार को मकान जमींन नहीं लेना चाहिए.
बुधवार:- यह दिन भगवान गणेश और मां दुर्गा की आराधना का दिन माना जाता है. इस दिन नई योजनाएं नए कार्य की शुरुआत की जा सकती है इस दिन शेयर मार्केट में पैसा लगाने से लाभ प्राप्त होता है और इस दिन पूर्व और पश्चिम दिशा की यात्रा कभी नहीं करनी चाहिए इस दिन जन्म लेने वाले जातक धर्म में निष्ठा रखते हैं.
बृहस्पतिवार:- इस दिन बृहस्पति भगवान एवं साईं बाबा की आराधना की जाती है. इस दिन सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जाते हैं. बृहस्पति भगवान को “सत्यनारायण” भगवान भी कहते हैं, इस दिन के बालक बहुत ही तेजस्वी प्रतापी पैदा होते हैं. इस दिन कोई भी नया कार्य आरंभ कर सकते हैं. इस दिन घर की सफाई, नाखून काटने से लेकर बाल काटने तक की सफाई नहीं करनी चाहिए. इस दिन मांस मदिरा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए इस दिन पुत्र को पिता के रहते हुए दाढ़ी बाल नहीं बनवाना चाहिए ऐसा करने से पिता दोष होता है.
शुक्रवार:- इस दिन मां संतोषी की पूजा की जाती है. इस दिन मां काली और मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है, इस दिन रचनात्मक सौंदर्य वात्सल्य आदि रसों का समावेश मिलता है. इस दिन दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए. शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को खुश रखना चाहिए ,जिससे घर में धन, वैभव, यश की प्राप्ति होती है. इस दिन संतान प्राप्ति के लिए मां देवी की आराधना की जाती है.
शनिवार:- शनिवार को शनि देवता की की आराधना करि जाती है इस दिन मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. शनि देव सभी देव से प्रमुख माने जाते हैं. शनिदेव की पूजा आराधना प्रत्येक शनिवार को अवश्य करनी चाहिए. शनि देव को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर गरीबों को भोजन करा कर भोजन कराना तथा किसी असहाय की मदद करना बहुत देर रात तक भोजन ना करें तथा शनिवार के दिन नाखूनों को ना काटे शनिवार के दिन किसी को लोहे की चीज दान करें.