पिछले करीब 1 साल से किसान सरकार द्वारा लाए गए किसान के लोग को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन कर रही है और इन विरोध प्रदर्शनों ने तब एक नया रुक ले लिया जब लखीमपुर में कुछ हिंसा की घटना सामने आई।

लखीमपुर में हुई समीक्षा निश्चित रूप से आलोचना के लायक है और इस हिंसा में सिर्फ एक पक्षी नहीं बल्कि दोनों पक्ष के लोगों की गलतियां हैं और दोनों पक्ष के लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

अब इस मामले को लेकर लखीमपुर के केस के बाद अब कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल लगातार राजनीति करते हुए नजर आए लेकिन इन सबके बीच अब संयुक्त किसान मोर्चा में भी फूट नजर आ रही है।

दरअसल यह फोटो उस वक्त शुरू हुई जब संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव एक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता जिनकी इस हिंसा में मौत हुई उसे शोकाकुल परिवार से मिलने पहुंचे जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक एवं उनकी समिति से 1 महीने के लिए योगेंद्र यादव को निलंबित कर दिया गया है इसका अर्थ है कि 1 महीने तक वह किसी भी प्रकार की संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक का हिस्सा नहीं हो सकेंगे और ना ही वह किसी भी प्रकार से उनके निर्णय को प्रभावित या उनके निर्णय देने में किरदार निभाने का कार्य करेंगे।

इसके अलावा इस मामले को लेकर योगेंद्र यादव ने कहा है कि वह इस कार्य को बिल्कुल सही ठहराते हैं उन्होंने शोकाकुल परिवार से मिलकर कुछ भी गलत नहीं किया है।

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