इंटरनेट डेस्क। आज इंडियन आर्मी के पास एक से बढ़कर एक खतरनाक हथियार है, जो बैठे-बैठे किसी भी देश पर हमला कर सकते है। आज हम आपको भारतीय नौसेना के सबसे बड़े और सबसे शक्तिशाली युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य के बारे में-

पूरे 13 साल और एक महीने के बाद रूस के कीव श्रेणी वाले विमान वाहक युद्धपोत एडमिरल गोर्श्कोव को भारत की नौसेना में आईएनएस विक्रमादित्य के तौर पर 16 नवंबर 2013 को शामिल किया गया। ये हैं युद्धपोत की खास बातें -

- लंबाई में ये करीब तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर जबकि, ऊंचाई में 22 मंजिला इमारत के बराबर है।

- इस पर मिग-29-के (K) लड़ाकू विमान, कामोव-31, कामोव-28, सीकिंग, एएलएच ध्रुव और चेतक हेलिकॉप्टरों सहित तीस विमान तैनात किए जा सकते हैं।

- 44,500 टन वजनी इस विमान वाहक पोत को 2013 में नेवी में शामिल किया गया।

- इसकी लंबाई 283.1 मीटर और ऊंचाई 60.0 मीटर है। इसपर डेकों की संख्या 22 है।

- विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य 30 लड़ाकू जहाज़ ले जाने की क्षमता से लैस है। इस पर मौजूद चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान मिग-29के इसका सबसे बड़ा हथियार हैं। इस पर छह कोमोव-31 हेलीकॉप्टर भी तैनात रहते हैं, जो इसे पनडुब्बी हमले से भी बचा सकते हैं। विक्रमादित्य 6 नली वाली AK-630 तोप से लैस है। जमीन से हवा पर मार करने वाली बराक मिसाइल इसे दुश्मन के लड़ाकू जहाज़ से बचाने में सक्षम है।

- इस पोत में कुल 22 तल हैं और 1,600 लोगों को ले जाने की क्षमता है।

- इस पर लगे जेनरेटर 18 मेगावाट बिजली प्रोडक्शन में सक्षम हैं।

- यह 32 नॉट (59 किमी/घंटा) की रफ्तार से गश्त करता है और 100 दिन तक लगातार समुद्र में रह सकता है।

- INS विक्रमादित्य पर 6 डीजल जनरेटर लगे हैं, जिससे 18 मेगावॉट बिजली मिलती है। 18 मेगावॉट बिजली से आराम से एक छोटा शहर रौशन हो सकता है। इस पर एक वक्त में 1600 से 1800 नौसैनिक मौजूद रहते हैं, जिनके लिए एक लाख अंडे, 20 हज़ार लीटर दूध, 16 टन चावल की खपत हर महीने होती है।

- यह 24 मिग -29K/KUB ले जाने में सक्षम है।

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