जब पति फिरोज गांधी ले रहे थे अंतिम सांस, तब केरल में इंदिरा गांधी कर रही थी ये काम
देश की पहली महिला और तीसरी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्वतंत्रता सेनानी और लोकसभा के प्रभावशाली सदस्य रहे फिरोज गांधी से शादी की थी। लेकिन इस शादी में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। इंदिरा गांधी को सबसे पहले फिरोज ने तब प्रपोज किया था जब वो महज 16 साल की थी। एक किताब में इस घटना का जिक्र भी है, इसमें इंदिरा के हवाले से लिखा गया था, फिरोज मुझे 16 साल की उम्र से ही प्रपोज कर रहे थे। इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी ने मार्च 1942 में इलाहाबाद में शादी कर ली।
इस शादी से जवाहरलाल नेहरू खुश नहीं ते। लेकिन इंदिरा गांधी के जिद के आगे उनकी एक भी नहीं चली. इसी दौरान महात्मा गांधी ने फिरोज को अपना सरनेम दिया और तब से ही ये परिवार गांधी परिवार के नाम से जाने जाना लगा।
1949 में इंदिरा दोनों बच्चों के साथ अपने पिता का घर संभालने के लिए फिरोज को छोड़कर चली गईं जबकि संजय लखनऊ में ही रहे। फिरोज गांधी का सिर्फ इंदिरा से ही नहीं जवाहर लाल नेहरू से भी राजनीतिक मतभेद था। इस वजह से इंदिरा और फिरोज के बीच दूरियां आ गई। इंदिरा राजनीति में भी सक्रिय होने लगी थी वो ज्यादातर पिता के साथ ही रहने लगी थी ऐसे में फिरोज से उनका रिश्ता कहीं पीछे छूटने लगा था।
फिरोज को दो बार हार्ट अटैक आ चुके थे, 8 सितंबर 1960 को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इसी वजह से उनकी मौत हो गई। इस दौरान भी इंदिरा उनके साथ न होकर केरल में पार्टी के काम से थी।