आपको जानकारी के लिए बता दें कि नोटबंदी को दो साल बीत चुके हैं, बावजूद इसके एक रुपए और दस रुपए के सिक्कों को लेकर पूरे देश में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। दरअसल देश के कुछ राज्यों विशेषक यूपी, दिल्ली, हरियाणा जैसे राज्यों में एक और दस के सिक्कों को नकली बताकर लेने से मना किया जा रहा है। बैंक अधिकारियों के मुताबिक, नवंबर, 2016 में जब नोटबंदी की घोषणा की गई थी, उसके बाद इंडियन मार्केट में बड़े पैमाने पर एक और दस रुपए के सिक्के उतार गए थे।

इन सिक्कों को लेकर भ्रम की स्थिति तब बनी जब इन सिक्कों को वापस बैंकों में जमा किया जाने लगा और खुद बैंक कर्मचारी ही उसे लेने में आनाकानी करने लगे। उन दिनों बैंककर्मियों का कहना था कि नोटों को तो मशीन से गिना जा सकता है, लेकिन इन हजारों हजार सिक्कों को बैठकर कौन गिनेगा।

बैंक कर्मचारियों ने कभी स्टाफ की कमी तो कभी काउंटर पर ग्राहकों की लंबी लाइन का हवाला देकर इन सिक्कों को लेने से मना करना शुरू कर दिया था।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जारी किया निर्देश


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के प्रवक्ता के मुताबिक, देशभर में एक एक और दस रुपए के सभी सिक्के असली और वैध हैं। क्योंकि इन सिक्कों को रिजर्व बैंक के नियमानुसार जारी किया गया है। यदि कोई व्यक्ति इन सिक्कों को नकली बताकर लेने से इनकार करता है अथवा किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति उत्पन्न करता है तो यह एक अपराध है। इसकी सूचना पुलिस को दी जानी चाहिए।

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