इंटरनेट डेस्क। भारतीय सेना में मौजूद उन वीरों की शौर्यगाथा पढ़ते ही भारतवासियों के दिल और दिमाग में एक अजीब साहस और ऊर्जा का संचार होने लगता है। भारतीय सेना आजादी से लेकर 1999 तक अपने दुश्मनों के साथ कई युद्ध लड़ चुकी है, जिनमें 1947-48 के दौरान कश्मीर का भारत-पाक युद्ध, 1962 का चीन युद्ध, 1965 भारत-पाक युद्ध, 1971 भारत-पाक युद्ध, 1967 में भारत के साथ चीन की झड़प तथा 1999 में पाकिस्तान के विरूद्ध कारगिल युद्ध शामिल है। इसके अतिरिक्त सेना के जवान दुश्मनों के खिलाफ कई ऐसे खतरनाक आपरेशनों को अंजाम दे चुके हैं।

म्यांमार स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले सेना के रणबांकुरे अभी भी हमारे बीच मौजूद हैं। ऐसे ही महावीर सैनिकों की शौर्यगाथाओं से परिपूर्ण किताब इंडियाज मोस्ट फियरलेस : ट्रू स्टोरीज ऑफ मॉडर्न मिलिट्री हीरोज हाल के दिनों में भारतीय सैनिकों में मौजूद सैन्य अधिकारियों तथा सैनिकों के बीच जमकर पढ़ी जा रही है। इतना ही नहीं इस किताब में सर्जिकल स्ट्राइक को कमांड करने वाले मेजर माइक टैंगो तथा म्यांमार स्ट्राइक के दौरान मौजूद ले. कर्नल ऑस्कर डेल्टा के हर मिनट के अनुभवों को इस किताब में बड़ी ही संजीदगी से पिरोया गया है।

इस किताब में इंडियन आर्मी द्वारा दुश्मनों के खिलाफ किए गए उन खतरनाक 14 आॅपरेशनों को भी शामिल किया गया है, जिसमें हमारे देश के सैनिकों ने अद्भुत साहस का परिचय दिया था। उनमें से कुछ शहीद हो चुके हैं, तो कुछ आज भी ​जीवित हैं और देश की सीमा पर तैनात हैं। इन जीवित सैनिकों की पहचान दी गई है।

इस किताब के कुल 14 चैप्टर हैं, जिसमें रोमांचक शीर्षकों को इस्तेमाल किया है जैसे- दो गोलियां एक कमांडो को नहीं मार सकती, हम वास्तव में डरना जानते ही नहीं, यह भारत का गौरव है, हम असफल नहीं हो सकते, सब कुछ हमारे खिलाफ था, सब कुछ, हमने उसका पीछा किया, उसे मौत मिली आदि। इस किताब की प्रस्तावना वर्तमान थल सेनाध्यक्ष विपिन रावत ने लिखी है।

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