इंटरनेट डेस्क। 20 अगस्त 1944 को मुंबई में जन्मे राजीव गांधी की मां इंदिरा गांधी और पिता का नाम फिरोज गांधी था। वह महज तीन साल के थे जब पं. जवाहरलाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने। देश और विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के बाद राजीव गांधी ने अपने भाई संजय की विमान दुर्घटना में मौत के बाद मां इंदिरा गांधी के दबाव में आकर राजनीति में एंट्री ली।

31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या हो गई। अब राजीव गांधी को कांग्रेस की कमान संभालनी पड़ी। देश में लोकसभा चुनाव हुए जिसमें राजीव गांधी को देश के इतिहास का सबसे जनादेश प्राप्त हुआ। दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि 508 लोकसभा सीटों में 401 सीटों पर कांग्रेस को विजय मिली।

भारतीय राजनीति में शानदार शुरूआती पारी खेलने वाले राजीव गांधी की यह उपलब्धि उल्लेखनीय मानी जाती है। अपनी मां को खो देने के बावजूद भी उन्होंने मर्यादा, संयम और संतुलन के देश राष्ट्रीय जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। राजनीति में राजीव गांधी की ईमानदारी की मिसाल दी जाती है, उनके समर्थक आज भी उन्हें मि. क्लीन नाम से पुकारते हैं।

आज हम इस स्टोरी राजीव गांधी के बचपन के दिनों का एक रोचक किस्सा बताने जा रहें है, जो कि महात्मा गांधी से जुड़ा हुआ है। जी हां, दोस्तों राजीव गांधी का बचपन देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के बीच ही बिता। बचपन के दिनों वह अपनी मां इंदिरा गांधी के साथ वह अपने नाना जवाहरलाल नेहरू के साथ रहते थे, जाहिर सी बात है ऐसे में देश के महान शख्सियतों के संपर्क में रहना उनकी आम दिनचर्या में शामिल था।

एक बार राजीव गांधी बचपन में खेल-खेल में ही महात्मा गांधी के पैरों में फूल चढ़ा दिए। इसके बाद महात्मा गांधी ने बालक राजीव गांधी से पूछा कि बेटा जानते हो कि किसी भी इंसान के पैरों में फूल कब चढ़ाए जाते हैं, कुछ देर चुप रहने के बाद बापू ने खुद ही कहा- जब कोई भी व्यक्ति मर जाता है तब उसके पैरों में पुष्प अर्पित किए जाते हैं। यह संयोग देखिए कि उसके अगले ही दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

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