भारत के 11वें राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन हर भारतवासी के दिलों में यह हमेशा मौजूद रहेंगे। पाकिस्तान का पूर्व थल सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ भी अब्दुल कलाम से यह कहने पर मजबूर हो गया था कि भारत भाग्यशाली है, जिसे आप जैसा वैज्ञानिक और राष्ट्रपति मिला हैं। इस स्टोरी में हम आपको एपीजे अब्दुल कलाम से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिसे बहुत कम लोग जानते होंगे।

- साल 2002 में रमजान का महीना था। उस वक्त एपीजे अब्दुल कलाम ने गरीब और ज़रूतमंद बच्चों के साथ इफ्तारी की थी। इस पूरे आयोजन का खर्च खुद दिया था, इतना ही नहीं अपने वेतन से 1 लाख रुपए का सामान जिसमें कम्बल तथा खाने-पीने की चीजें थी, उसे जकात के रूप में उन बच्चों को दी थी। एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि नेताओं और संपन्न लोगों को खाने की कोई कमी नहीं है, ऐसे लोगों पर खर्च क्यों करें।

- साल 2006 की वह गर्मी जब कलाम साहब राष्ट्रपति बने थे। तब कलाम साहब का परिवार उनसे मिलने दिल्ली आया था। इस परिवार में कुल 52 लोग थे, जिनमें कलाम साहब के बड़े भाई भी थे। इन सभी लोगों को उन्होंने राष्ट्रपति भवन में तो ज़रूर ठहराया था, लेकिन उस वक्त खर्च हुए 3 लाख 52 हज़ार रुपए की रकम अपने अकाउंट से चैक बनाकर राष्ट्रपति भवन भेज दिया था।

- यह घटना 15 अगस्त 2003 की है, जब चाय पार्टी राष्ट्रपति भवन के बगीचे में होनी थी, जिसमें 3000 मेहमान आने वाले थे। लेकिन उस दिन जोरदार बारिश हो रही थी, सभी लोग चिंतित थे। उस वक्त कलाम साहब ने अपने सचिव से कहा-कितना बेहतरीन दिन हैं, ठंडी हवा चल रही हैं। चिंता मत करो, मैंने ऊपर बात कर ली है, सब सही हो जाएगा। शायद ईश्वर भी कलाम साहब की बात को कभी टाल नहीं पाया। दोपहर 2 बजे तक बारिश रूक गई थी और शानदार तरीके से पार्टी हुई।

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