बता दें कि पाकिस्तान दुनिया के ताकतवर देश अमेरिका के पुराने सहयोगियों में से एक रहा है। लेकिन इन दिनों यह देश सबसे कठिन दौर में है। अफगानिस्‍तान में सोवियत संघ के कब्‍जे के समय अमेरिका का सबसे निकट सहयोगी पाकिस्तान ही था। लेकिन अमेरिका की वजह से अब इसकी मुश्किलें बढ़ चुकी है।

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, पाकिस्तान को आईएमएफ से पहले 12 बिलियन डॉलर का बेलआउट चाहिए था, लेकिन अब यह घटकर आठ बिलियन डॉलर पर आ गया है। बता दें कि आर्थिक संकट से ग्रस्त पाकिस्तान अभी अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष यानि आईएमएफ से मिलने वाले बेलआउट पर है, लेकिन अमेरिका उसकी राह में रोड़े बना हुआ है।

अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में उसे सहयोग दे तथा टेरर फाइनेसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर शिकंजा कसे। इन दो शर्तों पर पाकिस्‍तान को बेलआउट पैकेज मिल सकता है। लेकिन अमेरिका इस बात को लेकर भी सतर्क है कि कहीं पाकिस्तान आईएमएफ से मिलने वाले आठ बिलियन डॉलर का इस्तेमाल चीन का कर्ज उतारने के लिए तो नहीं करेगा। इस क्रम में एक अमेरिकी सांसद यह स्पष्ट कर चुका है कि पाक को चीन का कर्ज उतारने के लिए कोई भी बेलआउट पैकेज नहीं दिया जाएगा।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स यानि एफएटीएफ ने इसी साल जून के महीने में पाक को ग्रे लिस्ट में रखा था। ग्रे लिस्ट में शामिल देशों पर करीब से नजर रखी जाती है। साथ ही यह भी देखा जाता है कि ये देश मनी लॉन्ड्रिंग तथा टेरर फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने के लिए क्या कार्रवाई कर रहे हैं।

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