भारतीय सेना की एकमात्र टुकड़ी जिसे मिलती है दुश्मन का सामना करने के लिए एके-47 राइफल
इंटरनेट डेस्क। 1990 के दशक की शुरुआत में कश्मीर की स्थिति बिगड़ रही थी और विद्रोह लगभग पुरे कश्मीर को अपनी चपेट में ले रहा था। इस दौरान आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहायता के लिए सेना को तत्काल बुलाया गया था जिसका कार्य तब तक केवल एलओसी सीमा की रक्षा करना था। राष्ट्रीय राइफल्स एक विशेष काउंटर विद्रोह बल है जिसे 1990 में कश्मीर घाटी में विद्रोह को रोकने के लिए बनाया गया था।
राष्ट्रीय राइफल्स, जिसमें 50,000 से अधिक सैनिक शामिल हैं, दुनिया का सबसे बड़ी काउंटर विद्रोह बल है। यह एकमात्र रेजिमेंट है जहां विभिन्न सैन्य दलों के सैनिक आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए साथ मिलकर काम करते है। इसमें जवानों, जेसीओ और अधिकारियों का नियुक्ति 2-3 साल के लिए की जाती है जिसके बाद वे अपनी संबंधित इकाइयों में वापस आते है। राष्ट्रीय राइफल्स में शामिल होने से पहले प्रत्येक सैनिक को कॉर्प्स बैटल स्कूल में चार सप्ताह के लंबे प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है।
चूँकि यह बल घाटी में स्थायी रूप से तैनात हैं इसलिए इन्हें इलाके की अच्छी समझ है। ये सैनिक सभी घुसपैठ मार्ग, छुपी हुई जगहों, और हमले के स्थान के बारे में जानते है। इस वजह से इन्हें कार्यवाही के दौरान अधिक कुशलतापूर्वक काम करने में मदद मिलती है।
इनके पास एक प्रभावी खुफिया ग्रिड है जिस पर भरोसा किया जा सकता है। इसमें ज्यादातर स्थानीय और राज्य पुलिस अधिकारी होते हैं। इनके द्वारा दी जाने वाली जानकारी उन्हें आतंकवादियों की पहचान करने और उनकी कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देने में मदद करता है। यह जानकारी इनको आतंकवादियों के खिलाफ लड़ने में काफी मददगार साबित होती है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय राइफल्स उन्नत हथियारों और गैजेट से लैस हैं। इन सैनिकों को संचार उपकरणों, बुलेटप्रूफ जैकेट, पटका हेल्मेट इत्यादि जैसे सबसे अच्छे उपकरण प्रदान किए जाते है। एक ऐसी चीज जो राष्ट्रीय राइफल्स को अन्य सुरक्षा बलों के साथ अलग करती है वह यह है कि उन्हें दुश्मन का मुकाबला करने के लिए एके -47 राइफलें प्रदान की जाती हैं।
एक उल्लेखनीय बात यह भी है कि राष्ट्रीय राइफल्स स्थानीय लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए इस क्षेत्र में बहुत से सामाजिक कार्य भी करती है। वे उन्हें मुफ्त चिकित्सा शिक्षा के अवसर प्रदान करते हैं और युवाओं के लिए करियर मार्गदर्शन सेमिनार आयोजित करते है।
राष्ट्रीय राइफल्स ने अब तक 7000 से अधिक आतंकवादियों को बेअसर करते हुए 6000 अलग अलग प्रकार के हथियारों को जब्त किया है। इनकी वजह से कई लोगों को सरेंडर करने पर मजबूर होना पड़ा है। राष्ट्रीय राइफल्स को अपनी बहादुरी और कार्यों के लिए अब तक कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं जिनमें 6 अशोक चक्र, 34 कीर्ति चक्र, 221 शौर्य चक्र और 1508 सेना मैडल शामिल हैं। सेना की इस टुकड़ी को देश की सबसे सफल बलों में से एक माना जाता है।