आपको बता दें कि पाकिस्तान की सरकार ने बहावलपुर में मदरसातुल साबिर और जामा-ए-मस्जिद सुभानल्ला में एक परिसर को अपने कब्जे में ले लिया है। इतना ही नहीं कथित तौर पर सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय और इसके मामलों के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया है।

प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बता दें कि बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय परिसर में 70 शिक्षकों का एक संकाय है। मौजूद समय में इस मुख्यालय में 600 छात्र पढ़ रहे हैं। पंजाब प्रांत की पुलिस इस परिसर को सुरक्षा और संरक्षण प्रदान कर रही है।

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स का आदेश

आपको जानकारी के लिए बता दें कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को मई तक अपने यहां मौजूद आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। इन आतंकी समूहों में अलकायदा, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा के अलावा तालिबान भी शामिल हैं। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने कहा था कि इन सभी आतंकी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

इसके बाद से ही पाकिस्तान की सरकार आतंकी संगठनों पर कार्रवाई कर रहा है। पहले जमात-उद-दावा के खिलाफ कार्रवाई की गई और अब जैश के मुख्यालय को कब्जे में ले लिया गया है। बता दें कि इन दिनों पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में शामिल है और इस देश पर ब्लैक लिस्टेड होने का खतरा मंडरा रहा है।

मीडिया खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी। हांलाकि इमरान सरकार ने इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया है। पाकिस्तान सरकार की यह कार्रवाई महज दिखावा है या नहीं। यह थोड़े ही दिनों में साफ हो जाएगा। लेकिन यह तय है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय पर यह कार्रवाई की है।

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