इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरा देश उस समय सदमे आ गया था, लेकिन इसी बीच सोनिया और राजीव गांधी के बीच नोक झौंक हो गई, मनो उनके मन में किसी भी तरह का कोई सदमा नहीं था। इंदिरा गांधी का शव दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस यानी एम्स में रखा हुआ था। इधर बेटे और बहु के बीच लड़ाई जारी रही, आवाज सुनकर वहां खड़े लोग समझ नहीं पाए कि आखिर इस गमगीन मौके पर ये दोनों लड़ क्यों रहे हैं।

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इस बात का खुलाया किया था इंदिरा गांधी के प्रधान सचिव रहे पीसी एलेक्जेंडर ने अपनी किताब माई डेज विद इंदिरा गांधी में लिखा है कि इंदिरा गांधी की हत्या के कुछ घंटों के भीतर उन्होंने एम्स के गलियारे में सोनिया और राजीव को लड़ते हुए देखा था

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उन्होंने सुना कि राजीव सोनिया को बता रहे थे कि पार्टी चाहती है कि, मैं प्रधानमंत्री पद की शपथ लूं, यह सुनकर सोनिया गांधी भड़क गई। सोनिया ने कहा हरगिज नहीं. तुम ऐसा नहीं करोगे. क्योंकि वो तुम्हें भी मार डालेंगे। राजीव का जवाब था, मेरे पास कोई विकल्प नहीं है. मैं वैसे भी मारा जाउंगा।


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