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दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव-2019 में सपा और बसपा के बीच गठबंधन की खबरों से यूपी में भाजपा की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। यह बात देश का प्रत्येक राजनीतिज्ञ अच्छी तरह से जानता है कि भारत के प्रधानमंत्री पद की कुर्सी का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर जाता है। ऐसे में भाजपा के यूपी में कमजोर होने पर केंद्र में दोबारा सत्ता वापसी की राहें कठिन हो सकती हैं। लेकिन दोस्तों, इस बड़ी समस्या का हल बीजेपी को उड़ीसा से मिल चुका है।

जी हां, देश की आजादी से लेकर अब तक उड़ीसा में कभी भी भाजपा की सरकार नहीं बन पाई। लेकिन उड़ीसा में हुए ताजा सर्वे में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। दोस्तों, आपको बता दें कि उड़ीसा में इन दिनों मोदी लहर चल रही है। यहां पीएम मोदी की लोकप्रियता देश के अन्य सभी नेताओं से ज्यादा देखने को मिल रही है।

उड़ीसा में हुए सर्वे के मुताबिक, इस राज्य के करीब 54 फीसदी लोग मोदी सरकार को मौका देना चाहते हैं, जबकि 21 फीसदी लोग राहुल गांधी के पक्ष में खड़े हैं। अगर उड़ीसा के वर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बात करें तो उड़ीसा के 15 फीसदी लोग उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।

बता दें कि लोकसभा चुनाव-2019 के दौरान भाजपा को उड़ीसा से बड़ी उम्मीदें हैं। भाजपा ने यह आस लगा रखी है कि वह यूपी में होने वाले नुकसान की भरपाई उड़ीसा और पश्चिम बंगाल से कर लेगी।

हांलाकि यह देखना लाजिमी होगा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह उड़ीसा और पश्चिम बंगाल को लेकर बनाई गई भावी रणनीति में किस हद तक सफल होते हैं। अगर उड़ीसा में मोदी लहर इसी तरह से बरकरार रही तो जाहिर है लोकसभा चुनाव-2019 में भाजपा को इस राज्य में एक बड़ी जीत मिल सकती है। वहीं पश्चिम बंगाल में हिंदुत्व कार्ड खेलकर भाजपा अपनी चुनावी नैया पार करना चाहती है। इस रणनीति में बीजेपी काफी हद तक सफल होती दिख रही है, क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद को हिंदू हितैषी साबित करने के लिए इस राज्य के हर दुर्गा पूजा समितियों को सरकारी अनुदान देने का फैसला किया है।

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