दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ विधायक सुंदरलाल राजस्थान के झुंझुनूं जिले की पिलानी सुरक्षित सीट से इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। बता दें कि वह झुंझुनूं जिले से 7 बार विधायक रह चुके हैं।

बता दें कि इस बार के चुनाव में सुंदरलाल के पुत्र कैलाश मेघवाल उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएंगे। इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की जानकारी देते हुए सुंदरलाल ने कहा कि अब मेरी उम्र 86 साल से अधिक की हो चुकी है। मैं अपनी बढ़ती उम्र और अस्वस्थता के चलते राजनीति में सक्रिय भूमिका नहीं निभा पाता हूं।

दोस्तों, आपको यह विदित होना चाहिए कि झुंझुनूं जिले में मौजूद बुहाना क्षेत्र के कलवा गांव के एक अनुसूचित जाति परिवार में जन्म लेने वाले सुंदरलाल जीवन के शुरूआती दिनों में एक भजन गायक थे। अपनी राजनीतिक यात्रा में सुंदरलाल ने कुल 10 बार विधानसभा चुनाव लड़े जिसमें वह 7 बार विजयी रहे।

कांग्रेस लेकर भाजपा तक का सफर

1985 से 1990 तक राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रहे सुंदरलाल हरिदेश जोशी सरकार में संसदीय सचिव भी रहे। साल 1993 में कांग्रेस ने सुंदरलाल को टिकट नहीं दिया लेकिन निर्दलीय चुनाव जीतकर उन्होंने सभी को चकित कर दिया। इसके बाद भाजपा की भैंरोसिंह शेखावत सरकार को अपना समर्थन दिया। उन्हें इस सरकार में ऊर्जा, मोटर गैराज विभाग में राज्य मंत्री का पद मिला।

1998 में भाजपा ज्वाइन करने के बाद विधायक सुंदरलाल 1998 से 2000 तक जिलाध्यक्ष भी रहे। इसके बाद 2004 से 2008 तक राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रहे। सुंदरलाल को साल 2015 में एक बार फिर से राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। इस पद पर वह आज तक विराजमान हैं।

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