कोरोना का कहर दुनिया के कई देशों की तरह भारत पर भी अपना प्रकोप दिखा रहा है। हालाकिं भारत में अभी ये वायरस दूसरी स्टेज में है लेकिन अगर हालात ऐसे ही रहे और सावधानी नहीं बरती गई तो जल्द ही ये तीसरी स्टेज की तरफ भी बढ़ सकता है।

इसी को देखते हुए और परिस्थिति को समय रहते काबू में लाने के लिए देश के कई राज्यों को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया है। इनमे राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब शामिल है। 22 मार्च को पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू का भी आह्वान किया था और इसे सफलता मिली। जरूरत पड़ने पर 31 मार्च से पहले फिर से जनता कर्फ्यू का आह्वान किया जा सकता है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में राज्यों के कैबिनेट और मुख्य सचिवों की उच्चस्तरीय बैठक हुई।

इस बैठक के दौरान 75 जिलों में लॉकडाउन, एक से दूसरे राज्यों को जोड़ने वाली बस सेवाओं को भी 31 मार्च तक बंद करने का फैसला लिया गया है। पीएम मोदी जनता द्वारा इस कर्फ्यू को सपोर्ट करने के लिए भी बेहद खुश हैं।

इस दौरान सेना के जवानों से भी आग्रह किया गया है कि वे जहाँ हैं वही रहें और उनके सभी तरह के मूवमेंट को स्थगित कर दिया गया है। यदि कोईजवान विदेश यात्रा से लौटा है तो उसे भी टेस्ट करवाने और आइसोलेशन में रहने के लिए कहा गया है।

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने की प्रक्रिया व जनगणना का पहला चरण अनिश्चितकाल के लिए टल सकते हैं। एक या दो दिन में इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी हो सकता है।

आगे हो सकता है ऐसा
सरकार जानती है कि इस वायरस की तीसरी स्टेज कितनी भयावह है उसको मद्देनजर रखते हुए गवर्नमेंट नहीं चाहती है कि ये तीसरे चरण में पहुंचे। चीन का जो दौर रहा और इटली अब जिस दौर से गुजर रहा है वो स्तिथि सभी के सामने हैं। इसलिए इसे रोकने के लिए 31 मार्च से पहले लॉकडाउन किया जा सकता है। इसका प्रभाव बढ़ा तो जिन राज्यों ने लॉकडाउन किया है, वहां इसकी अवधि बढ़ेगी जबकि दूसरे राज्य लॉकडाउन की घोषणा करेंगे। स्थिति नियंत्रण में रहने पर जनता कर्फ्यू, धारा 144 जैसे प्रयोग आजमाए जाएंगे।

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