दो जुलाई-तीन जुलाई की रात को कानपुर के बिकारू गाँव में गैंगस्टर विकास दुबे और उनके गिरोह के सदस्यों द्वारा मारे गए आठ पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित पुलिसकर्मियों को दुबे और उनके साथियों ने बड़ी बेरहमी से मारा है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि धारदार हथियारों का इस्तेमाल सीओ मिश्रा सहित सभी पुलिसकर्मियों को मारने के लिए किया गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस का मानना ​​है कि मकसद केवल पुलिस को मारना नहीं था, बल्कि उनसे बदला लेना भी था।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, सीओ मिश्रा को चार बार गोली मारी गई, जिसमें से तीन गोलियां उनके शरीर से होकर गुजरीं। एक गोली उसके सिर में, एक छाती में और दो पेट में लगी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, सभी गोलियां प्वाइंट-ब्लैंक रेंज से दागी गईं। इसके अलावा तीन पुलिसकर्मियों को सिर में और एक को चेहरे में गोली लगी। सभी 8 पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट है कि सभी की बेरहमी से हत्या की गई थी।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि उत्तर प्रदेश सरकार ने एक सदस्यीय पैनल का गठन किया है ताकि गैंगस्टर दुबे की मुठभेड़ और बिकारू गांव में हुई गोलीबारी की जांच की जा सके।

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