नई दिल्ली: पीएम मोदी आज 'नमामि गंगे मिशन' के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तराखंड में छह मेगा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं में 68 मिलियन लीटर प्रति दिन की क्षमता के साथ एक नया अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र (एसटीपी) का निर्माण, हरिद्वार में जगजीतपुर में 27 एमएलडी क्षमता एसटीपी का उन्नयन और सराय, हरिद्वार में 18 एमएलडी क्षमता का एसटीपी शामिल है।

जगजीतपुर की 68 MLD क्षमता वाली एसटीपी सार्वजनिक निजी भागीदारी द्वारा पूरी की गई पहली हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल परियोजना है। ऋषिकेश के लक्कड़घाट में 26 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का भी उद्घाटन किया जाएगा। उत्तराखंड में हरिद्वार-ऋषिकेश क्षेत्र से लेकर गंगा नदी तक लगभग 80 प्रतिशत अपशिष्ट जल का निर्वहन किया जाता है। ऐसे में गंगा नदी को स्वच्छ रखने में कई एसटीपी परियोजनाओं के निर्माण की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

चंद्रेश्वर नगर में मुनि की रेती शहर में 7.5 MLD क्षमता वाला एसटीपी देश का पहला 4-मंजिला अपशिष्ट उपचार संयंत्र है। यहां भूमि की सीमित उपलब्धता का उपयोग एक अवसर के रूप में किया गया है। एसटीपी का निर्माण 900 वर्ग मीटर से कम के क्षेत्र में किया गया है, जो सामान्य रूप से ऐसी क्षमता वाले एसटीपी के निर्माण के लिए आवश्यक क्षेत्र का केवल 30 प्रतिशत है।

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