आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर के दिन अब लदने वाले हैं। पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर का बचना अब मुश्किल नजर आ रहा है। खबरों के मुताबिक पाकिस्तान ने अब मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया है। मीडिया खबरों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान अब मसूद अजहर को बैन किए जाने के प्रस्ताव का विरोध नहीं करेगा।

ऐसे में अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या कि मसूद अजहर पाकिस्तान के लिए बोझ बन चुका है। मतलब साफ है, यदि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को ब्लैक लिस्टेड करने का प्रस्ताव आया तो पाकिस्तान अपना विरोध वापस ले सकता है। अगर ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से मसूद अजहर को सलाखों के पीछे जाना होगा। मसूद अजहर के आतंकी संगठनों के सभी खाते सील हो जाएंगे तथा फंडिंग भी बंद हो जाएगी।

इसके अलावा मसूद अजहर पर खतरा भी कई गुना बढ़ जाएगा। कल तक मसूद अजहर को क्लीन चिट दे रहे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बयान दिया है कि वो भारत की तरफ से सौंपे गए डोजियर पर गौर फरमाएंगे।
गौरतलब है कि इंडियन एयरफोर्स की एयर स्ट्राइक से घबराए पाकिस्तान ने इस कठिन दौर से निपटने के लिए ठीक वैसी ही रणनीति बनाई है जैसे 26/11 मुंबई हमले के समय अपनाई थी।

चूंकि पाकिस्तान में आतंकी को बढ़ावा देने में आईएसआई और वहां की सेना की मिलीभगत होती है, ऐसे में मसूद अजहर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई महज एक दिखावा भी हो सकती है। पाकिस्तान को मसूद अजहर की सलामती की इतनी चिंता है कि उसके मंत्री उसके मारे जाने की खबरों का तुरंत खंडन करते हैं। पाकिस्तान ने सोमवार को एक कानून पारित किया जिसके मुताबिक, आतंकियों और उनके संगठनों पर यूएन के प्रतिबंधों को लागू किया जाएगा।

दरअसल वैश्विक समुदाय के दबाव में आकर पाकिस्तान को अपने आतंकियों पर नकेल कसना पड़ रहा है। पाकिस्तान सरकार के एक बड़े सूत्र ने दावा किया ​है कि पाकिस्तान सरकार मसूद अजहर समेत कई आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने का फैसला कर चुकी है। दरअसल पाकिस्तान सरकार का यह कदम भारत के साथ बढ़ते तनाव को कम करने के लिए उठाया जा रहा है। खबरों के अनुसार, यह कदम कभी भी उठाया जा सकता है।

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