विश्व का एक ऐसा देश जहां 50 लाख रूपए कमाने वाले को कहा जाता है गरीब
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हमारे देश के युवा अक्सर गरीबी को लेकर चितिंत नजर आते हैं। पढ़ाई के दौरान पैसों का अभाव कभी खत्म ही नहीं होता है। अगर घर से पैसे नहीं मिले तो फूटपाथ पर रहने की नौबत तक आ जाती है। मतलब साफ है करियर के शुरूआत में भारत के ज्यादातर युवाओं को 10-15 हजार रुपए प्रति माह सैलरी ही नसीब होती है।
ठीक इसके विपरीत इस दुनिया में एक ऐसा भी देश है जहां कोई व्यक्ति 50 लाख रूपए प्रति वर्ष कमाए फिर भी उसे गरीब ही कहा जाता है। जी हां, दोस्तों बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है, यह खबर सौ फीसदी सच है।
दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के सबसे मशहूर शहर सैन फ्रांसिस्को एक पॉपुलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। चूंकि 1990 में इंटरनेट आने के बाद से आईटी इंडस्ट्री में खतरनाक बूम आया था। हांलाकि इस इंडस्ट्री में आज भी बहुत पैसा है। बता दें कि आईटी व टेक्नोलॉजी सेक्टर की ढेरों कंपनियां सेन फ्रांसिस्को में मौजूद हैं। इसी के चलते यह शहर बहुत अच्छा पैसा कमाने में सक्षम है।
बता दें कि टेक हब होने के बावजूद भी सैन फ्रांसिस्को में डॉक्टर्स सबसे ज्यादा कमाते हैं। इनकी सालाना कमाई औसतन 1 करोड़ 32 लाख रुपए से अधिक है। यहां तक कि सॉफ्टवेयर डेवलपर की औसत आय 80 लाख रुपए के करीब होती है। सैन फ्रांसिस्को में सरकारी कर्मचारियों की औसत आय 1 करोड़ 15 लाख रुपए होती है।
अमेरिका के आवासीय व शहरी विकास मंत्रालय की एक रिपार्ट के अनुसार, सैन फ्रांसिस्को और उसके आस-पास रहने वाले किसी परिवार में यदि 4 लोग हैं और वे 80 लाख रुपए कमा रहे हैं तो इसे बिल्कुल कम इनकम माना जाता है। वहीं यदि कोई परिवार 50 लाख रुपए कमा रहा है तो वह गरीब कहलाता है।
गौरतलब है कि सैन फ्रांसिस्को में 80 लाख रूपए को इसलिए बेहद कम आय माना जाता है, क्योंकि यहां का रहन-सहन बहुत ही महंगा है। सैन फ्रांसिस्को में 2 बीएचके के फ्लैट के लिए हर महीने 2 लाख रुपए से भी ज्यादा खर्च होते हैं। यहां 50 लाख रूपए कमाने को वाले भले ही गरीब माना जाता है, लेकिन सरकार की ओर से कोई भी किराया भत्ता या किसी तरह ही सहायता नहीं दी जाती है।