लोकसभा चुनाव 2019 के तहत पांचवें चरण में सोमवार को पश्चिम बंगाल की जिन 7 सीटों पर मतदान हो रहा है, पिछली बार उन सभी सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने जीत का स्वाद चखा था।
बता दें कि हावड़ा ज़िले की दो सीट, हुगली की तीन सीट और उत्तर 24-परगना ज़िले की दो सीटों पर आज मतदान हो रहे हैं। भाजपा को इस बार जीत की पूरी उम्मीद है।
पीएम मोदी से लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तक ने अपनी रैलियों में पूरी ताकत झोंक दी थी। जबकि ममता बनर्जी ने इन सीटों पर कोई कोर कसर नहीं उठा रखी है।
1— बनगांव सीट
उत्तर 24-परगना ज़िले में बनगांव सीट में मतुआ समुदाय के वोट ही निर्णायक हैं। पिछले बार तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार कपिल कृष्ण ठाकुर ने जीत दर्ज की थी। जबकि पिछले 5 सालों ने भाजपा ने इस तबके में सेंध लगाने की पूरी कोशिश की है।
बीती फ़रवरी में पीएम मोदी ने मतुआ समुदाय की कुलमाता कही जाने वाली वीणापाणि देवी से मुलाकात की थी। अभी हाल में ही वीणापाणि देवी के निधन के बाद इस समुदाय में मतभेद नजर आ रहा है। अब सीट के नतीजे ही बताएंगे कि बनगांव से भाजपा को कितनी कामयाबी मिली है।
जहां भाजपा ने इस सीट से शांतनु ठाकुर को मैदान में उतारा है, वहीं तृणमूल कांग्रेस ने ममता ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है। ये दोनों उम्मीदवार रिश्ते में चाची और भतीजे हैं।

2— बैरकपुर सीट
बैरकपुर सीट पर तृणमूल कांग्रेस जीत की हैट्रिक लगाने की फिराक में हैं। इस सीट से टीएमसी उम्मीदवार का नाम दिनेश त्रिवेदी है। जबकि भाजपा ने तृणणूल कांग्रेस के पूर्व विधायक अर्जुन सिंह को बैरकपुर से चुनाव मैदान में उतारा है। हुगली के किनारे बसे इस इलाक़े में अब जूट मिलों की तरह हिंदी भाषियों की हालत भी बदहाल है। साल 2014 में भाजपा को 21.92 फीसदी वोट मिले थे, इस आंकड़े से बीजेपी नेतृत्व गदगद है।
3— हावड़ा सीट
भारतीय जनता पार्टी कोलकाता से सटी हावड़ा संसदीय सीट पर भी जीत के सपने संजोए हुए है।
प्रसून चटर्जी इस सीट से तीसरी बार मैदान में हैं। भाजपा ने यहां वरिष्ठ पत्रकार रंतीदेव सेनगुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है। प्रसून जहां जीत की हैट्रिक लगाने के दावे कर रहे हैं, वहीं रंतीदेव का दावा है कि यहां लोगों ने बदलाव का मूड बनाया है।
4— उलुबेड़िया सीट
माकपा का गढ़ रही उलुबेड़िया सीट पर साल 2009 से ही तृणणूल कांग्रेस का क़ब्ज़ा है। 2009 और 2014 में तृणणूल कांग्रेस के सुल्तान अहमद ने यह सीट जीती थी। सुल्तान अहमद की मौत के बाद उनकी पत्नी साजदा अहमद को टिकट मिला था। सहानुभुति लहर के भरोसे वे 4.74 लाख वोटों के अंतर से जीत गईं। साल 2014 में 23.29 फीसदी वोटों के साथ भाजपा उम्मीदवार अनुपम मल्लिक दूसरे नंबर पर थे। इस बार यहां से भाजपा ने अभिनेता जय बनर्जी को मैदान में उतारा है। जबकि तृणमूल कांग्रेस से साजदा अहमद ही अपनी किस्मत आजमा रही हैं।


5— श्रीरामपुर सीट
साल 2014 में श्रीरामपुर सीट पर भाजपा ने गायक बप्पी लाहिड़ी चुनाव मैदान में उतारा था। हांलाकि बप्पी दा चुनाव हार गए लेकिन 2.87 लाख वोट पाकर भाजपा के मन में उम्मीद की किरण पैदा कर गए। अबकी बार भाजपा ने देवजीत सरकार टिकट दिया है। जबकि तृणमूल की ओर से दो बार इस सीट से जीत का स्वाद चखने वाले कल्याण चटर्जी चुनाव मैदान में हैं।
6— हुगली सीट
हुगली संसदीय सीट पर बीजेपी ने अभिनेत्री लॉकेट चटर्जी को मैदान में उतारा है। यहां से दो बार चुनाव जीत चुकी रत्ना दे नाग इस बार भी मैदान में हैं। कांग्रेस ने प्रतुल चंद्र साहा को अपना उम्मीदवार बनाया है।
7— आरामबाग़ सीट
हुगली ज़िले की आरामबाग़ संसदीय सीट पर हार-जीत का अंतर सबसे ज्यादा होता है। इस सीट पर हमेशा सत्तारुढ़ पार्टी का उम्मीदवार ही जीतता रहा है। 2014 में यहां तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार की जीत हुई। तृणमूल कांग्रेस ने इस चुनाव में एक बार फिर से अपरूपा पोद्दार पर अपना भरोसा जताया है। जबकि भाजपा ने तपन राय को टिकट दिया है।

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