तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के चारों दोषियों के पास अब काफी कम समय बचा है। लेकिन डॉक्टर इस बात से हैरान हैं कि इनमे से किसी को भी अपनी मौत का डर नहीं सता रहा है।

अगर कोई क़ानूनी अड़चन नहीं आती तो इन्हे 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी जाएगी। ये बता ये चारों भी जानते हैं लेकिन बावजूद इसके इनमे कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहे हैं।

जब किसी कैदी को फांसी की सजा होने वाली होती है तो उस से पहले उसकी भूख और नींद उड़नी शुरू हो जाती है। लगातार उसका वजन कम होने लगता है और उसका बीपी अधिक या कम रहना शुरू हो जाता है। कई कैदियों को ये सोच कर बुखार तक आ जाता है। लेकिन इन चारों में कोई बदलाव नहीं है।

शायद इन लोगों को लग रहा होगा कि इस बार भी इनकी फांसी किसी ना किसी कारणवश टल जाएगी।ये भी कहा जा रहा है कि इनमे से दो लोग कागजों पर कुछ ना कुछ लिखते भी रहते हैं। इनके परिवार वाले भी इनसे मिल सकते हैं और इस पर कोई रोक नहीं है। लेकिन इनकी अंतिम मुलाकात अब 19 मार्च की दोपहर 12 बजे तक ही हो सकती है।

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