डेस्क: कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के बाद से ही रेलवे के नियमों में काफी बदलाव किए जा चुके हैं। लॉकडाउन के दौरान रेल सेवा को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। लेकिन अलग-अलग जगहों पर सस्ते प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक वापस जाने के लिए स्पेशल ट्रेन शुरू की गई।

स्पेशल ट्रेनों के परिचालन के साथ ही कुछ नए नियम भी बनाए गए जैसे कि टिकट बुक करते समय यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान का पता और पिन कोड मुहैया करवाना अनिवार्य कर दिया गया था। यह जानकारी ऑनलाइन तथा ऑफलाइन किसी भी माध्यम से टिकट बुक करते समय देना अनिवार्य था।

लॉकडाउन के बाद दी गई थी छूट

हालांकि लॉकडाउन के खत्म होने के बाद स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर जाकर टिकट बुक करवाने पर गंतव्य का पता और पिन कोड कमाल किया जाना बंद हो गया था। लेकिन ऑनलाइन टिकट बुकिंग करवाने पर यह जानकारी देना आवश्यक था अन्यथा टिकट बुक नहीं हो पाता था। कुछ समय के लिए छूट देने के बाद एक बार फिर रेलवे ने इसे अनिवार्य कर दिया है।

यात्रियों का रिकॉर्ड रखने में मिलेगा मदद

रेलवे की मानें तो यात्रियों के गंतव्य का पता और पिन कोड दर्ज रहने पर उसकी ड्रेसिंग आसानी से की जा सकेगी। यदि कोई यात्री का रिपोर्ट सकारात्मक आता है तो कांटेक्ट रेसिंग आसानी से हो सकेगी क्योंकि रेलवे के पास उनके यात्रा का इतिहास होगा।

धनबाद स्टेशन में लागू हुआ यह नियम

इस नियम को लागू करने वाला सबसे पहला स्टेशन धनबाद स्टेशन बना। वहां इस नियम के लागू होते ही लंबी कतारों में लोग खड़े दिखे। रिजर्वेशन काउंटर में यात्रियों से अपने गंतव्य का पता और पिन कोड पूछे जाने पर कई यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके पास यह जानकारी उपलब्ध नहीं थी। ऐसे यात्री जो साक्षर नहीं थे उन्हें सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

गौरतलब है कि भारतीय रेलवे के नए नियमों के अनुसार यदि आप रेलवे में सफर करने के लिए अपना टिकट आरक्षित करवाना चाहते हैं तो आपको अपने गंतव्य का पता और पिन कोड मालूम होना चाहिए। अन्यथा आप को टिकट नहीं दी जाएगी।

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