इंटरनेट डेस्क। मानसून सत्र में राज्यसभा ने सांसदों को एक बेहतरीन तोहफा दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि राज्यसभा में पहले सांसदों को केवल 17 भाषाओं में ही अपनी बात रखने की सुविधा दी गई थी। लेकिन इस बार राज्यसभा में 5 नई भाषाएं शामिल की गई है। जिनमे बोडो, मैथली, मणिपुरी, मराठी, नेपाली भाषा शामिल है। राज्यसभा में अब इन 5 भाषाओं के लिए भी अनुवादक रखे जाएंगे।

सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि राज्यसभा में सांसद 22 भाषाओं में अपनी बात रख सकते हैं। यहां तक कि नायडू ने खुद 12 भाषाओं में अपनी बात रखी। इसके बाद सदन में सदस्यों ने मेज थपथपाकर नायडू का स्वागत किया।

इसी बीच में सदन के सदस्य सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि चूंकि आठवीं अनुसूची में शामिल ज्यादातर भाषाओं की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है, ऐसे में जितना संभव हो सके संस्कृत भाषा का ही इस्तेमाल करें।

गौरतलब है कि आंध्रप्रदेश के वेंकैया नायडू की प्राथमिक भाषा हिंदी नहीं है, और सामान्यतया उन्हें अंग्रेजी भाषा में ही बात करते हुए सुना जाता है। लेकिन सदन में कई बार वेंकैया नायडू हिंदी भाषा भी बोलते हुए सुने जाते हैं।

नायडू ने अपने भाषण के दौरान कहा कि सदन में पूरे देश से निर्वाचित पहुंचते हैं, इसलिए सदन का बहुभाषी होना जरूरी है। सदन के सदस्य अपनी मातृभाषा में भी बात रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि केवल भाषा को लेकर सदन में सदस्यों को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

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