इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके अशोक गहलोत राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। अशोक गहलोत ने अपने जादूगर पिता लक्ष्मण सिंह गहलोत से जादू सीखकर कुछ दिनों तक इसी पेशे में अपनी किस्मत आजमाई लेकिन नाकाम रहे।

लेकिन उनकी किस्मत में तो कुछ और ही लिखा था। उन्होंने राजस्थान की राजनीति में ऐसी जादूगरी दिखाई कि जनता ने उन्हें दो बार अपना मुख्यमंत्री बनाया। साल 1998 और 2008 में अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे। इतना ही नहीं अशोक गहलोत जोधपुर संसदीय क्षेत्र से 4 बार सांसद भी रहे।

इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पी. वी. नरसिम्हा राव मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री रह चुके अशोक गहलोत। इंदिरा गांधी के कार्यकाल में अशोक गहलोत पयर्टन और नागरिक उडडयन उपमंत्री रहे। अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बनने से पहले 1998 की राजस्थान सरकार में गृह और जलदाय विभाग के मंत्री भी रह चुके हैं।

गौरतलब है कि अशोक गहलोत को बहुत हाईफाई जिंदगी पसंद नहीं है। राजस्थान की राजनीति का यह जादूगर अपनी टीम में भी लो प्रोफाइल अफसरों को रखना पसंद करता है। अशोक गहलोत को पारले जी बिस्किट और कड़क चाय पीना बहुत पसंद है। स्कूली दिनों से ही राजनीति में रूचि रखने वाले गहलोत 1973 से 1979 तक एनएसयूआई के राजस्थान प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं। हांलाकि अशोक गहलोत पर मुख्यमंत्री रहने के दौरान एक रियल एस्टेट कंपनी के साथ पक्षपात करने का आरोप लगा चुका है। इस रियल एस्टेट कंपनी में गहलोत की बेटी और दामाद सह निदेशक हैं।

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