आतंकी फंडिंग के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर तगड़ी चोट लगी है। केंद्र की मोदी सरकार ने पीएफआई पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। इसे गैरकानूनी संस्था करार दिया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, पीएफआई पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया है।

सरकार ने पीएफआई के अलावा इसके सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन पर भी प्रतिबंध लगाया है।

पीएफआई ने हिंसा फैलाई- अरुण सिंह
पीएफआई ने कई राज्यों में आतंकी घटनाओं के जरिए देश में हिंसा फैलाई है। इसीलिए हम फैसले का स्वागत करते हैं। पीएफआई और अन्य संगठनों पर प्रतिबंध के बाद कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है।

कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि केंद्र सरकार ने पीएफआई और इसके सहयोगियों के खिलाफ उपयुक्त कदम उठाया है। ये संस्थाएं भारत में आतंकी गतिविधियों का बढ़ावा दे रही थी

बाय बाय PFI- गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इसको लेकर ट्वीट किया है। गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'Bye Bye PFI'

सीएम सरमा ने भी किया स्वागत

सरमा ने कहा कि सरकार का दृढ़ संकल्प है कि भारत के खिलाफ किसी भी शैतानी, विभाजनकारी या विघटनकारी योजना के साथ मजबूती से निपटा जाए। मोदी युग में भारत निर्णायक और साहसिक है। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने भी पीआफआई पर बैन के फैसले का स्वागत किया है।

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