आपको जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी नेता जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने की खबरें जोरों पर हैं। बताया जा रहा है कि आज शाम चार बजे जितिन प्रसाद दिल्ली में भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
खबरों के मुताबिक धौरहरा सीट से दो बार सांसद रहे जितिन प्रसाद पर धौरहरा की जगह लखनऊ से चुनाव लड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस वजह से जितिन प्रसाद काफी नाराज हैं।

इस नाराजगी के पीछे दूसरा कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बताए जा रहे हैं। दरअसल जितिन प्रसाद पार्टी नेतृत्व से खुश नहीं हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य होने के बावजूद भी पार्टी उन्हें किसी भी फैसले में शामिल नहीं कर रही है। यहां तक कि जितिन प्रसाद ने सीतापुर और लखीमपुर संसदीय सीट को लेकर पार्टी के बीच अपनी राय रखी थी, लेकिन आलाकमान ने उनकी बातों को कोई तवज्जो नहीं दी।

जितिन प्रसाद का कांग्रेस पार्टी छोड़ना एक बड़ा झटका माना जा सकता है। बता दें कि ​जितिन प्रसाद गांधी परिवार के बेहद करीब माने जाते रहे हैं। उनके पिता जितेंद्र प्रसाद भी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सलाहकार थे। सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह जितिन प्रसाद भी कांग्रेस के प्रतिभावान युवा नेता माने जाते रहे हैं।

इतना ही नहीं जितिन प्रसाद यूपी में कांग्रेस अध्यक्ष पद के भी दावेदार थे, लेकिन उनकी जगह राज बब्बर को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। सूत्रों की मानें तो जितिन प्रसाद और भाजपा में गुपचुप तरीके से बातचीत जारी थी। यही वजह है कि बीजेपी ने हरदोई, सीतापुर और मिश्रिख लोकसभा सीट से प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं, जबकि धौरहरा सीट से किसी को टिकट नहीं दिया। बताया जा रहा है कि बीजेपी में शामिल होते ही जितिन प्रसाद को धौरहरा से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

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