लोंगेवाला युद्ध: जब 120 भारतीय जवानों ने पाकिस्तान के 2800 सैनिकों को चटाई थी धूल
इंटरनेट डेस्क। दोस्तों आपको बता दे की लोंगेवाला की लड़ाई यह लड़ाई 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का हिस्सा थी जिसमें पाकिस्तान अंततः आत्मसमर्पण कर चुका था। भारतीय सेना की लोंगेवाला चौकी 120 जवानों वाली पंजाब रेजिमेंट के मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के पास थी।
उनकी स्थिति एक बड़े रेत के ढेर के ऊपर थी, जो कि कांटेदार तारों से घिरा हुआ था। रेत के ढ़ाक की ऊंचाई के कारण भारतीय दल एक बहुत मजबूत रक्षात्मक स्थिति में था। इसके अलावा रेतीले इलाके वाहनों (साथ ही टैंकों) द्वारा आसानी से आगे नहीं बढ़ पाते थे।
दोस्तों आपको बता दे की अपने सामान्य राइफल्स के अलावा, भारतीय जवानों के पास केवल एक जीप माउंटेड एम 440 टैंक राइफल थी। हमला करने वाले पाकिस्तानी सेना में 2800 सैनिक, 65 टैंक, 138 सैन्य वाहन, 5 फील्ड बंदूकें और 3 विमानमारक बंदूकें थीं। ब्रिगेडियर तारिक मीर की अगुआई वाली पाकिस्तानी सेना ने 4 और 5 दिसंबर 1971 के अंतराल की रात भारतीय चौकियों पर हमला किया। हमला रात 12:30 बजे शुरू हुआ।
दोस्तों आपको बता दे की 5 दिसंबर 1971 की उगता सूरज पाकिस्तानी सैनिकों के लिए दुःस्वप्न लाया। भारतीय वायु सेना ने भारतीय सैनिकों की मदद के लिए चार हॉकर हंटर लड़ाकू विमानों को भेज दिया था। लोंगेवाला में अल्फा कंपनी और जैसलमेर में विंग कमांडर MS बावा ने सुबह के इंतजार में पूरी रात काटी।