देश में हर साल 26 जुलाई का दिन कारगिल विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है, कारगिल की पहाड़ियों पर हुए इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह खदेड़ा था। नजर डालिए उन शहीदों पर जो युद्ध में विशेष पराक्रम दिखाते हुए शहीद हुए, उन्ही के याद में कई वर्ष से इंडिया गेट पर ‘अमर जवान’ ज्योति को आप जलते देख रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह 24 घंटे और सातों दिन कैसे जलती है।

दरअसल, इस लौ को प्रज्ज्वलित रखने के लिए यहां बनाया गया एक कमरा कंट्रोल रूम का काम करता है। इस कमरे से पाइप लाइन के जरिए गैस ‘अमर जवान’ ज्योति तक लगातार पहुंचती है। लौ हर समय जलती रहे यह सुनिश्चित करने में अहम भूमिका रहती है चंदर सिंह बिष्ट की।

पहले ये गैस सिलेंडरों के जरिए पहुंचाई जाती थी लेकिन कुछ साल पहले यहां आईजीएल की पाइप लाइन बिछने से काम थोड़ा आसान हो गया है। बावजूद इसके सही मात्रा में गैस को निरंतर पहुंचाते रहना बेहद चुनौती भरा रहता है। पाकिस्तान से साल 1971 की जंग के बाद बनाए गए ‘अमर जवान’ स्मारक की इस ज्योति का रखवाला तभी से दिन रात काम करता है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय से रिटायर हुए चंदर सिंह बिष्ट को हमेशा यहीं रहना पड़ता है।

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