राजनीति में नहीं आना चाहती थी शीला दीक्षित, कुछ और थे उनके अरमान
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित अब हमरे बीच नहीं रही। काफी समय से शीला दीक्षित बीमार चल रहा थी , 81 साल की उम्र में आज उनका निधन हो गया है। आज हम उनके जीवन से जुड़े कुछ ऐसे पहलुओं के बारे में बात करेंगे जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं।
शीला दीक्षित राजनीति में कभी नहीं आना चाहती थी लेकिन किस्मत के आगे कोई कुछ नहीं कर सकता है। इस बदलाव के लिए वो अपने उदार और अग्रसोची पंजाबी परिवार को श्रेय देती थी।
वे 3 बार दिल्ली की सीएम बनी और दिल्ली को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाया था। शीला दीक्षित साल 1998 से 2013 तक लगातार 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं।
शीला दीक्षित का जन्म पंजाब के कपूरथला में हुआ है। उनकी शादी यूपी के एक बड़े राजनीतिक घराने में हुई। उनके ससुर उमा शंकर दीक्षित उन्नाव के रहने वाले थे। वह बंगाल के गवर्नर थे। उनके पति का नाम विनोद था जो कि आईएएस अधिकारी थे।
शीला 1984-89 के बीच कन्नौज से सांसद भी रह चुकी हैं। तीन चुनावों में उन्हें एक भी बार हार का सामना नहीं करना पड़ा। शीला दीक्षित को दिल्ली में तेज विकास के लिए जाना जाता है। दिल्ली में सर्वाधिक 15 साल तक मुख्यमंत्री रहने का रिकाॅर्ड शीला दीक्षित के नाम दर्ज है।