पाकिस्तान में इमरान खान की अगुवाई में बनी नई सरकार ने अब अपनी असली रंगत दिखानी शुरू कर दी है। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के साथ दोस्ती और अमन चैन की बात कर रहे हैं, वहीं उनकी सरकार ने कश्मीर के हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की है।

पाकिस्तान के केन्द्रीय मानवाधिकार मंत्री डॉ. शिरीन माजारी ने अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को लिखे पत्र में भारतीय कश्मीर और फिलीस्तीन के हालात पर चिंता और नाराजगी जाहिर की है। इतना ही नहीं डॉ. शिरीन ने कहा है कि इन दोनों जगहों पर अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग कड़े कदम उठाए।

दोस्तों, आपको बता दें कि इस अन्तर्राष्ट्रीय संस्था के प्रमुख ब्रैड एडम्स ने एक पत्र के माध्यम से पाकिस्तान में मानवाधिकारों के मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की थी। उसी पत्र के जवाब में डॉ. शिरीन ने लिखा है कि कश्मीर, फिलस्तीन तथा अन्य पश्चिमी देशों में मुसलमानों के साथ किस प्रकार से भेदभाव किया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार के इस कदम से भारत के साथ सार्थक बातचीत की पहल संभव नहीं हो सकती है।

गौरतलब है कि आम चुनाव में जीत के बाद इमरान खान ने 25 जुलाई को कहा था कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। इसके लिए वह बातचीत करने के समर्थक हैं। उन्होंने कहा था कि बलूचिस्‍तान की समस्याओं के लिए पाकिस्तान को भारत की ओर उंगली नहीं उठाना चाहिए और वहीं दूसरी तरफ कश्मीर में उपजी समस्याओं के लिए भारत को अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए।

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