Himachal Election 2022: हिमाचल प्रदेश भी यूपी और उत्तराखंड की तरह बदलना चाहेगी भाजपा की रिवाज, बदलनी होगी रणनीति
प्रदेश में 1985 के बाद हर पांच साल बाद नई सरकार चुनने की परंपरा रही है। छह बार प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने सरकार रिपीट करने के लिए हर चुनाव में एड़ी-चोटी का जोर लगाया था। मगर प्रदेश की जनता के आगे उनकी एक न चली। भाजपा ने पांच-पांच साल की परंपरा को समाप्त करने के लिए इस बार रिवाज बदलने का नारा दिया है। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की जनता ने पांच-पांच साल की परंपरा को बदला है। दोनों राज्यों में रिवाज बदलने से हिमाचल भाजपा को भी उम्मीद की किरण नजर आ रही है।
हिमाचल प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने बीते दिन हिमाचल में चुनाव तारीखों की घोषणा कर दी है। हिमाचल में 12 नवंबर को एक फेज में चुनाव होगा और 8 दिसंबर को इसके नतीजे आएंगे। इस बीच भाजपा को हिमाचल में रिवाज बदलने यानी प्रदेश में दोबारा सरकार बनाने के लिए खूब पसीना बहाना होगा।
ये होंगे इस चुनाव में मुद्दे
विधानसभा चुनाव में महंगाई, बेरोजगारी व पुरानी पेंशन योजना (ओपीसी) की बहाली मुख्य मुद्दे होंगे। भले ही यहां कांग्रेस कई गुटों में बंटी है, लेकिन वह 10 माह पहले हुए तीन विधानसभा व मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव की तरह टक्कर दे सकती है। उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को चारों सीटों पर शिकस्त दी थी। उपचुनाव में कांग्रेस ने महंगाई व बेरोजगारी को जनता के बीच भुनाया था। इस बार भी कांग्रेस उसी तैयारी में है।