इंटरनेट डेस्क। समुद्री सीमा पर 24 घंटे निगाह रखने वाली भारतीय नौसेना समुद्री दुश्मनों से लोहा लेने के लिए हमेशा तैयार रहती है। आपको बता दें कि भारतीय नौसेना में कई लड़ाकू युद्धपोत तथा खतरनाक सबमरीन हैं, जो चंद मिनटों में अपने दुश्मनों को तबाह करने में पूरी तरह से सक्षम है। आज हम आपको भारतीय नौसेना में शामिल उन 5 सबमरीन से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिनका नाम सुनते ही दुश्मनों की रूह कांप उठती है।

1- आईएनएस अरिहंत

विशाखापत्तनम में 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से बनी पहली स्वदेशी पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत का कुल वजन 6,000 टन है। सोनार सिस्टम से लैस यह सबमरीन 11 मीटर चौड़ी तथा 110 मीटर लंबी है। आईएनएस अरिहंत समंदर सहित वायु और आकाश में मौजूद लक्ष्य को परमाणु निशाना बनाने में सक्षम है।

2-सबमरीन सिंधुघोष

सिंधुघोष सबमरीन रूस की सहायता से निर्मित सबमरीन है। 3,000 टन क्षमता वाली यह सबमरीन समुंदर में 300 मीटर की गहराई तक जा सकती है। इस सबमरीन पर 53 नाविक मौजूद रहते हैं। भारतीय नौ सेना ने सिंधुघोष के अन्य वर्जन सिंधुवीर, सिंधुध्वज तथा सिंधुराज जैसी सबमरीन भी शामिल कर रखे हैं।

3- आईएनएस चक्र

आईएनएस चक्र भारतीय नौसेना की सबसे ताकतवर पनडुब्बी मानी जाती है। यह सबमरीन अरब सागर तथा हिंद महासागर में मौजूद अपने दुश्मनों पर कड़ी नजर रखती है। इस पनडुब्बी को साल 2014 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।

4-आईएनएस खांदेरी

साल 2017 में भारतीय नौसेना का अभिन्न अंग बनी आईएनएस खांदेरी किसी भी मौसम और परिस्थिति में अपने दुश्मनों से निपटने में सक्षम है। यह सबमरीन माइन बिछाने, खुफिया सूचना एकत्र करने तथा समुद्री इलाके की निगरानी करने के लिए तैयार की गई है।

5- कलवरी

स्कॉर्पिन ग्रुप की सबमरीन कलवरी बड़ी आसानी से दुश्मनों को चकमा देने में सक्षम है। 1,870 टन वजन वाली कलवरी लेजर गाइडेड मिसाइलों से लैस है। समुद्र के अंदर मौजूद लक्ष्य को भेदने के लिए कलवरी एंटीशिप शिप मिसाइल का इस्तेमाल कर सकती है।

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