संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है और इस मानसून सत्र के शुरू होने से पहले लोकसभा सचिवालय द्वारा ऐसे शब्दों की सूची तैयार की गई है जिन्हें अब लोकसभा या राज्यसभा में बोलने की मनाही होगी। एक लंबी चौड़ी लिस्ट सामने आई है यह बात बताई जा रही है और कई लोग इस पर आपत्ति दर्ज करा रहे हैं जिसका कारण यह है क्योंकि इस लिस्ट में कई ऐसे बुनियादी शब्दों को जोड़ दिया गया है जिसका इस्तेमाल आम भाषा में किया जा सकता है।



सचिवालय द्वारा तैयार की गई इस लिस्ट में बताया जा रहा है कि अब संसद की कार्यवाही के दौरान कोई भी सांसद सरकार पर तानाशाह होने का आरोप लगाते हुए तानाशाह शब्द या विपक्ष तानाशाही कर रहा है इस तरह का इस्तेमाल नहीं कर सकता। वही इसके अलावा सरकार पर विनाश पुरुष किसी को खालिस्तानी जुमला जीबी संबोधित करना भी अब संसदीय माना जाएगा।

हरा जुलाई से राज्यसभा एवं लोकसभा में मानसून सत्र से इन नियमों को लागू कर दिया जाएगा एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसके लिए एक नई बुकलेट भी जारी कर दी गई है जिसमें इन शब्दों की सूची जारी की गई है।
सरकार द्वारा जो शब्द संसदीय करार दिए गए हैं उसमें जुमला जीवी, बाल बुद्धि , कोविड- स्प्रेडर आदि शब्दों को संसदीय माना गया है।



इसके अलावा सचिवालय ने अमर्यादित शब्दों की सूची में कई ऐसे शब्द भी लिए हैं जिनका आम भाषा में प्रयोग किया जाता है जिसके अंतर्गत शकुनी , तानाशाह , तानाशाही , जयचंद, विनाश पुरुष जैसे कई शब्द शामिल किए गए हैं।

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