इंटरनेट डेस्क। दोस्तों आपको बता दे की विकास की अपनी चिंताएं होती हैं। सिंचाई, पीने के पानी और दूसरी जरूरतों के लिए जरूरत से ज्यादा दोहन के चलते धरती का जलस्तर लगातार घट रहा है. इसने न सिर्फ भूवैज्ञानिकों की बल्कि राजनीतिज्ञों की चिंता भी बढ़ा दी है।

दोस्तों आपको बता दे की हर साल औसतन एक मीटर भूजल स्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है। ऐसे में पिछले 10 साल में जहां 30 मीटर जमीन के अंदर पानी मिल जाता था, अब स्थिति ऐसी है कि कई इलाके में 90 से 80 मीटर नीचे तक पानी उपलब्ध हो रहा है। कई इलाके में तो 40 मीटर जमीन के अंदर तक साफ पानी तो मिल रहा है।

दोस्तों आपको बात दे की वर्ष 1997 में देश में जलस्तर 550 क्यूबिक किलोमीटर था. लेकिन ताजा अनुमान के मुताबिक, सन 2020 तक भारत में यह जलस्तर गिरकर 360 क्यूबिक किलोमीटर रह जाएगा।

आपको बता दे की यही नहीं, वर्ष 2050 तक यह जलस्तर और गिरकर महज सौ क्यूबिक किलोमीटर से भी कम हो जाएगा, इसके साथ अगर देश में पानी की बढ़ती मांग को ध्यान में रखें ।

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