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दोस्तों, आपको बता दें कि साल 1977 में भारतीय सिनेमा के मशहूर अभिनेता देव आनंद ने भी राजनीति में अपनी किस्मत चमकाने की पहली कोशिश की थी। देश के प्रख्यात वकील राम जेठमलानी ने उन्हें जनता पार्टी में शामिल होने के लिए मनाया था।

आपको बता दें कि रामजेठ मलानी ने अभिनेता देव आनंद को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी के विरूद्ध प्रचार करने का निवेदन किया था। इसके बाद देव आनंद पूरे दिन सोचते रहे और अपने घर से बाहर ही नहीं निकले।

अगले दिन एक्टर देव आनंद भारतीय राजनीति में उतरने का मन बना चुके थे। वह मोरारजी देसाई और जयप्रकाश नारायण के साथ मंच साझा करने के लिए तैयार थे। देव आनंद ने उनके साथ राजनीतिक मंच से इंदिरा गांधी के खिलाफ आक्रामक भाषण भी दिया।

लिहाजा जनता पार्टी को जीत मिली। लेकिन कुछ ही दिनों में देव आनंद का मन भारतीय राजनीति से तेजी से उचटने लगा। वह जनता पार्टी के प्रयोग से परेशान हो गए, इसलिए राजनीति से उनका मोहभंग हो गया और अपनी पार्टी के नेताओं संग मंच साझा करने से परहेज करने लगे।

मोरारजी देसाई और चरण सिंह को प्रधानमंत्री पद से हटाने के बाद जब 1980 में आम चुनाव का ऐलान हुआ तब उन्होंने देश के सभी नेताओं को सबक सिखाने की सोची। उन्होंने नैशनल पार्टी ऑफ इंडिया का गठन किया। वह कहते थे कि जब एमजीआर तमिलनाडु में मैजिक कर सकते हैं तो मैं पूरे देश में ऐसा क्यों नहीं कर सकता हूं। उनके समर्थकों में जवाहर लाल नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित भी थीं।

मुम्बई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में देव आनंद की रैली में जबरदस्त भीड़ उमड़ी। इसके बाद इंदिरा गांधी ने देव आनंद के साथ मिलकर काम करने का संदेश भिजवाया। लेकिन देव आनंद ने कहा कि वह किसी तानाशाह के साथ मिलकर किसी भी सूरत में हाथ नहीं मिला सकते हैं। लेकिन जब 1980 आम चुनाव का परिणाम सामने आया तब उनके सपने अधूरे साबित हुए।

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