इंटरनेट डेस्क। भूजल यानी जमीन के नीचे वाले पानी में लगातार कमी हो रही है। इसके स्तर में कमी होने के साथ साथ इसकी गुणवत्ता में भी कमी आ रही है। भूजल स्तर में बड़ी मात्रा में फ्लोराइड मौजूद है। इतनी अधिक फ्लोराइड की मात्रा वाकई एक चिंता का विषय है। कूड़े कचरे को सही जगह पर नहीं डालने से वह कहीं भी पानी में मिल जाता है जिस से इसका स्तर गिर जाता है। वहीं प्राकृतिक संसाधनों में भी नियमित छेड़छाड़ हो रही है जिस से भूजल स्तर गिर रहा है। यह कई बिमारियों का कारण भी बन सकता है।

इन इलाकों में गिर रहा है भूजल स्तर

भलस्वा गांव, जहांगीरपुरी, भलस्वा डेरी, बादली,शालीमार बाग, स्वरूपनगर, अशोक विहार, नरेला व बवाना आदि इलाकों में भूजल स्तर लगातार गिर रहा है।

जागरूकता की कमी

बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए जल बोर्ड को RWA को भी इस से जोड़ने की योजना है। इसके अलावा सरकार कई स्कूलों में भी वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली के विकास करने की योजना बना रहा है। जिस से कि बारिश का पानी इक्क्ठा हो सके।

ऐसे कर सकते हैं पानी को संरक्षित

बारिश के पानी के संचयन के लिए जोहड़ एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक स्रोत है। इसलिए बरसात के पानी को इक्क्ठा करने के लिए सरकार को कई उपायों को सोचना चाहिए।

भविष्य में भी है चिंता

भूजल स्तर में चिंता का विषय भारत के कई हिस्सों में है। इसलिए जल्दी से जल्दी इसके खिलाफ कोई न कोई डिसीजन लेना होगा। अन्यथा आने वाले समय में यह संकट और भी गहराता जाएगा।

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