इसमें कोई दो राय नहीं है कि पिछले कुछ साल बसपा के लिए अच्छे नहीं रहे। लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 से पहले हालिया विधानसभा चुनावों में बसपा ने जिस तरह से प्रदर्शन किया है, यह पार्टी के लिए एक शुभ संकेत है। जाहिर है राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बसपा के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद लोकसभा चुनाव 2019 के लिए होने वाले गठबंधन में सीटों की दावेदारी में बसपा की अहमियत सपा से कहीं अधिक बढ़ चुकी है।

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में बसपा
राजस्थान में मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने अकेले दम पर 6 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है। बता दें बसपा उम्मीदवार संदीप यादव ने तीजारा, जोगेंद्र अवाना ने नदबई, चौ. दीपचंद खैरिया ने किशनगढ़बास, राजेंद्र गुढ़ा ने उदयपुरवाटी, लाखन सिंह मीणा ने किरौली तथा वाजिद अली ने नगर सीट से जीत का परचम लहराया है।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में बसपा
बता दें कि मध्य प्रदेश में भी बसपा ने किसी पार्टी से समझौता नहीं किया। इस राज्य में बसपा ने 2 सीटों पथरिया और भिंड में जीत हासिल की। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में बिना शर्त कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है।

छत्तीसगढ़ में बसपा
छत्तीसगढ़ में मायावती की बसपा ने अजीत जोगी की पार्टी से गठबंधन किया था। इस चुनाव में बसपा गठबंधन राज्य में 7 सीटें हासिल करने में सफल रहा।

अगर हम इन तीन राज्यों में बसपा के शक्ति उत्कर्ष की बात करें तो बसपा ने खुद के दम पर यह सीटें हासिल की हैं। मायावती हमेशा से यह कहती रही हैं कि वे सम्मानजनक स्थिति पर ही समझौता करेंगी। यह बयान वह कई बार दे चुकी हैं।

सियासी पंडितों को मानना है कि आत्मविश्वास से लबरेज बसपा सुप्रीमो मायावती लोकसभा चुनाव 2019 में गठबंधन के दौरान सीटों का दावा पुरजोर ढंग से कर सकती हैं। अगर हम यूपी की बात करें तो यहां बसपा और सपा ने गठबंधन करने का निर्णय लिया है।

बता दें कि यूपी में दलित वोटों की भागदारी 21.6 फीसदी है। ये दलित वोट लोकसभा चुनाव 2014 में अकेले दम पर मायावती को एक भी सीट नहीं जिता पाए। यह सच है कि दलित वोट जीत में तभी तब्दील होते हैं जब वे अन्य सामाजिक समूहों के मतों से जुड़ते हैं। जाहिर बसपा से गठबंधन को लालायित सपा मुखिया अखिलेश यादव के पारंपरिक यादव मत जैसे ही बसपा से जुड़ेंगे, यूपी में यह गठबंधन एक नया इतिहास लिख सकता है।

यह भी कहा जा रहा है कि जिस तरह से बसपा ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन देने की बात कही है, इसे देखते हुए यूपी में बसपा-सपा गठबंधन के साथ कांग्रेस भी शामिल हो सकती है। गठबंधन के दौरान किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन हालिया चुनाव परिणामों से यह तस्वीर साफ हो चुकी है कि लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा की ताकत अब यूपी में भी दिखने वाली है।

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