पॉलिटिकल डेस्क। खेल जगत से खिलाड़ियों का राजनीति में आना अब आम बात हो गई हैं। देशभर में आज कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने कल के मैदान पर नाम कमाने के बाद राजनीति के अखाड़े में भी अपनी पहचान बनाई हैं। इसी कड़ी में एक नया नाम सामने आया हैं और वो हैं 'पहलवान ईसा बिन ओवेद मिसरी', दरअसल मिसरी पेशे से एक मशहूर पहलवान हैं। जो अब घर-घर जाकर हाथ जोड़े दिखाई दे रहे हैं।

रेसलिंग में दम दिखाने वाले ईसा इन दिनों राजनीति में दांव-पेंच आजमा रहे हैं। हैदराबाद की चंद्रायणगुट्टा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे ईसा के सामने एआईएमआईएम के अकबरुद्दीन ओवैसी हैं। बता दे, ईसा मिस्टर यूनिवर्स चैलेंज के रजत पदक विजेता रह चुके हैं। रेसलिंग के मैदान पर विरोधियों के छक्के छुड़ाने वाले ईसा के लिए सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई और चार बार के विधायक अकबरुद्दीन से मुकाबला आसान नहीं होगा।

रेसलिंग छोड़कर चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर ईसा ने बताया कि, वे सामाजिक बंटवारे की सियासत के खिलाफ हैं और इसीलिए चुनावी मैदान में भाग्य आजमाने के लिए उतरे हैं। उन्हें उम्मीद हैं कि, उनके विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले अरब देशों से आए लोगों का समर्थन उन्हें आसानी से प्राप्त होगा। आपको बता दे ईसा के बुजुर्ग करीब 100 साल पहले यमन से यहां आकर बसे थे। ईसा हैदराबाद के तड़बन इलाके में जिम चलाते हैं।

ईसा की इस मशहूर जिम के ब्रांड एंबेसडर भी वे खुद ही हैं। जिम के माध्यम से कई लोगों को तंदरुस्त शरीर बनाने वाले ईसा अब चुनावी मैदान में हैं और लोगों का मन बनाने में लगे हैं। वो चाहते हैं कि उनके विधानसभा क्षेत्र में लोग उन्हें वोट कर जिताये ताकि वो उनके हित में काम कर सके।

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