वायनाड और अमेठी से क्यों चुनाव लड़ रहे हैं राहुल गांधी?
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र के अलावा यूपी के अमेठी से भी नामांकन दाखिल किया है। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि राहुल गांधी इन दोनों ही जगहों से चुनाव जीतेंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी और वायनाड दोनों सीटें जीतने की स्थिति में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के लिए अमेठी संसदीय सीट खाली करेंगे।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि गांधी परिवार में राहुल गांधी तीसरे सदस्य हैं, जो दक्षिण भारत से भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। आपातकाल के बाद 1977 के आमचुनाव में इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनाव हार गईं। इसके बाद 1978 में कांग्रेस के तत्कालीन सांसद डीबी चंद्रगौडा ने अपनी चिकमंगलूर सीट से इस्तीफा देकर इंदिरा गांधी के लिए यह सीट खाली कर दी। इस उप चुनाव में इंदिरा गांधी ने जनता पार्टी के प्रत्याशी वीरेंद्र पाटिल को 80 हजार से अधिक वोटों से हराया था।
लोकसभा चुनाव 1980 में इंदिरा गांधी ने रायबरेली और मेडक (आंध्रप्रदेश) से नामांकन दाखिल किया था, इन दोनों ही सीटों से वो चुनाव जीतीं थी इसके बाद इंदिरा गांधी ने रायबरेली से इस्तीफा दे दिया था।
राजीव गांधी की हत्या के कई साल बाद राजनीति के मैदान में उतरी सोनिया गांधी अमेठी और बेल्लारी (कर्नाटक) से पर्चा भरा था। बता दें कि सोनिया गांधी को इन दोनों सीटों पर विजयश्री मिली थी। इसके बाद सोनिया गांधी ने बेल्लारी सीट छोड़ दी थी।
चूंकि राहुल गांधी भी अमेठी और वायनाड (केरल) से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के रणनीतिकारों को पूरा यकीन है कि राहुल गांधी ये दोनों सीटें जीतेंगे, ऐसी स्थिति में राहुल अमेठी सीट छोड़ देंगे। फिर यहां से प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाया जाएगा।
गौरतलब है कि अभी कुछ ही दिनों पहले प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव के पद पर नियुक्त करने के साथ-साथ पूर्वी यूपी का प्रभार दिया गया है। पार्टी के लोगों का कहना है कि पूर्वी यूपी से प्रियंका गांधी का संसद में प्रतिनिधित्व करना कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित होगा।