भारत की वो 5 बहादुर महिला ऑफिसर्स, जिन्होंने देश के लिए किया ऐसा काम कि आज भी गर्व से लिए जाता है नाम
महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन देने का विवाद, जो पिछले कई सालों से सरकार और कोर्ट के बीच चल रही थी, अब वो खत्म हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले कई वर्षों से चली आ रही महिला स्थायी कमीशन को मंजूरी दे दी है, जिससे महिला सशक्तीकरण की मुहिम को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन आज हम आपको भारत देश की उन 5 बहादुर महिलाओं के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपने हुनर से इतिहास रचा है।
1. गुंजन सक्सेना: गुंजन सक्सेना को इंडिया एयरफ़ोर्स के इतिहास में "कारगिल गर्ल" के रूप में जाना जाता है। कारगिल युद्ध के दौरान गुंजन सक्सेना वह पहली महिला थी, जिन्हें कारगिल के युद्ध मे महिला हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में तैनात किया गया था।
2. पद्मावती बंदोंपाध्याय: पद्मावती बंदोपाध्याय भारतीय वायु सेना की पहली महिला एयर मार्शल थीं। पद्मावती 2002 में भारतीय सेना में पहली एयर मार्शल बनी थीं।
3. अवनी चतुर्वेदी: मध्यप्रदेश के रीवा जिले से ताल्लुक रखने वाली अवनी चतुर्वेदी भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलटों में से एक हैं। अवनी चतुर्वेदी को जून 2016 में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू स्क्वार्डन में शामिल किया गया।
4. भावना कस्तूरी; साल 2019 में भारतीय सेना दिवस के मौके पर पहली बार महिला ऑफिसर लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी देश की ऐसी पहली महिला ऑफिसर थीं, जिन्होंने परेड में सेना की टुकड़ी का नेतृत्व किया।
5. पुनीता अरोड़ा: पुनीता अरोड़ा भारत की पहली ऐसी महिला हैं, जिन्होंने भारतीय सशस्त्र बल की दूसरी सबसे ऊंची रैंक लेफ्टिनेंट जनरल का पद संभाला। वे भारतीय नौसेना की पहली महिला वाइस एडमिरल भी थीं।