दोस्तों, आपको बता दें कि इंडियन आर्मी अपने अनुशासन के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है। लेकिन जब कभी कोई कैडेट अनुशासन तोड़ता है तब उसे ऐसी सजा दी जाती है कि वह फिर दोबारा अनुशासन तोड़ने से पहले सौ बार सोचने पर मजबूर हो जाता है।

जी हां, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी यानि एनडीए में कैडेट्स को दी जाने वाली इस सजा का नाम है रगड़ा। आइए जानें, रगड़ा से जुड़ी कुछ रोचक बातें, जो अनुशासन तोड़ने वाले कैडेट्स को मिलती हैं।

1 - कॉमन सजा है दौड़
सैन्य एकेडमी में अनुशासन तोड़ने वाले अधिकांश कैडेट्स को दौड़ की सजा दी जाती है। इस दौरान ट्रेनी को परेड ग्राउंड का चक्कर लगाना होता है अथवा कई किलोमीटर तक की दौड़ भी हो सकती है। जी हां, दौड़ते वक्त कैडेट्स की पीठ पर वजनी समान तथा राइफल के साथ दोनों हाथों को ऊपर किए रखने का आदेश दिया जाता हैै।

2- कीचड़ में डुबकी लगाना
जी हां, रगड़ा स्टाइल की यह सजा कोई मनोरंजन नहीं बल्कि सैन्य एकेडमी में ट्रेनिंग ले रहे कैडेट्स के लिए असहनीय और असहज स्थिति पैदा कर देती है। दरअसल इस दौरान अनुशासन तोड़ने वाले ट्रेनी को कीचड़ में डुबकी लगाना होता है।

3- बिना किसी सहारे सिर के बल टिकना
जी हां, दोस्तों इस रगड़ा स्टाइल का नाम महाराजा है। लेकिन इस सजा के दौरान कैडेट्स को कुछ पलों के लिए ऐसा लगता है कि उसकी दुनिया ही पलट गई हो। बता दें कि इस सजा के दौरान बिना किसी सहारे के सिर को ज़मीन पर टिका कर घंटों इसी स्थिति में रहना पड़ता है। बावजूद इसके कैडेट्स सजा के दौरान मस्ती के पल चुरा ही लेते हैं।

4- रोलिंग: गुलाटी लगाने की सजा
आप ने बच्चों को गुलाटी लगाते देखा ही होगा। लेकिन यही गुलाटी जब सजा के तौर पर मिल जाती है, तब यकीन मानिए मांसपेशियों में अकड़न सी हो जाती है। दर्द इतना होता है, मानो किसी ने डंडों से जमकर पिटाई की हो। रगड़ा के इस स्टाइल को रोलिंग कहते हैं।

5- कीचड़ भरे गड्ढों में घुटनों के बल घिसटना
अनुशासन तोड़ने वाले कैडेट्स को कीचड़ भरे गड्ढों में घुटनों के बल घिसटकर आगे बढ़ना पड़ता है। इतना ही नहीं यह रगड़ा सजा बेहद थकान और परेशानी देने वाली होती है क्योंकि कीचड़ में घिसटते वक्त सिर के उपर कंटीले तार बंधे होते हैं।

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