भगवान श्री गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तगण प्रत्येक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत करते हैं। हिंदू धर्म में इस तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत कहा जाता है। इस महीने विनायक चतुर्थी व्रत 10 मार्च को है। इस स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि विनायक चतुर्थी को गणपति महाराज की किस विधि से पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

10 मार्च, दिन रविवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके, अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, तांबे अथवा मिट्टी से बने भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद श्री गणेश जी को पुष्प, अक्षत और सिंदूर चढ़ाएं। ऊं गं गणपतयै नम: का जाप करते हुए दूर्वा अर्पित करें। इसके बाद गणपति महराज को 21 मोदक अर्पित करें। 5 मोदक मूर्ति के पास रख दें तथा 5 मोदक किसी ब्राह्मण को दान कर दें। शेष मोदक प्रसाद के रूप में बांट दें।

पूजा करने के दौरान श्रीगणेश स्त्रोत, संकटनाशक स्त्रोत आदि का पाठ करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं तथा दक्षिणा दें। शाम को चंद्रमा निकलने के बाद स्वयं भोजन करें। संभव हो तो उपवास करें। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि विनायक चतुर्थी व्रत का पूरी आस्था और श्रद्धा से पालन करने भगवान गणपति की कृपा प्राप्त होती है और जातक के सभी मनोरथ पूरे होते हैं।

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