इंटरनेट डेस्क। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा। यह सच है कि भारतीय सेना के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर अपने वतन की रक्षा करते हैं। कभी-कभी इन वीर जवानों की शहादत की दास्तां लोगों को रोने पर मजबूर कर देती है। कुछ ऐसा ही वाकया साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान देखने को मिला था, जब महावीर चक्र विजेता मेजर विवेक गुप्ता का शव तिरंगे से लिपटकर दिल्ली आया था।

इस दौरान परिजन और वहां मौजूद अन्य लोग शहीद विवेक गुप्ता को एक-एक करके श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे थे। तभी मेजर विवेक गुप्ता की पत्नी कैप्टन जयश्री ने सेना की वर्दी में पहुंचकर उन्हें अंतिम सैल्यूट किया था। जैसे ही सैन्य धुन पर पत्नी कैप्टन जयश्री ने अपने पति शहीद विवेक गुप्ता को सैल्यूट किया, वहां मौजूद लोगों के आंखों में आंसू बहने लगे।

जब कैप्टन जयश्री की अपने शहीद पति को सैल्यूट करने की तस्वीर दूरदर्शन पर दिखाई गई, इस दृश्य को देखकर टीवी के सामने ही खड़े होकर कपिल देव रोने लगे थे। जब अगले दिन समचार पत्रों के मुख्य पृष्ठ पर यह तस्वीर छपी तो पूरे देश में उबाल सा आ गया था। उन दिनों कपिल देव ने मीडिया से रूबरू होते बताया था कि इस तस्वीर को देखकर वह रातभर ठीक से सो नहीं पाए थे। उन्होंने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि अब बहुत हुआ, बंद करो पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना, हमे पाकिस्तान के साथ खेल की कमाई नहीं चाहिए।

गौरतलब है कि कारगिल युद्ध के दौरान तोलोलिंग चोटी को फतह करने के दौरान मेजर विवेक गुप्ता शहीद हो गए थे। जैसे ही उनका शव दिल्ली पहुंचा, उनसे अलग रह रही कैप्टन जयश्री खुद को रोक नहीं पाई और रोते हुए उन्हें अपना अंतिम सैल्यूट किया था। शहीद विवेक गुप्ता को भारतीय सेना के दूसरे सर्वोच्च मैडल महावीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है।

Related News