भगवान शिव के विस्यमयकारी स्वरूप को देखकर एक अलौलिक अनुभव होता है। उन्हें देखते ही मन में यह सवाल भी उठता है कि भगवान शिव ने अपने हाथ में त्रिशूल क्यों धारण कर रखा है, उनके गले में नाग क्यों लटका है। महादेव की तीसरी आंख का क्या तात्पर्य है? इस स्टोरी में हम आपको भगवान भोलेनाथ से जुड़ी रोचक जानकारियां देने जा रहे हैं।

- हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, महादेव अपने दाहिने हाथ में रुद्राक्ष की माला भी धारण करते हैं। यह ध्यान मुद्रा का सूचक है। इसके अतिरिक्त रुद्राक्ष धारण करना शुद्धता का प्रतीक है।

- शिव जी के गले में मौजूद सर्प पुरुष के अहम का प्रतीक माना जाता है।

-श‍िव जी की तमाम तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि वे बाघ की खाल ओढ़े हैं या फिर वे इस पर विराजमान हैं। यह निडरता और निर्भयता का प्रतीक है।

- श‍िव जी के माथे पर जो तीसरा नेत्र नजर आता है, उसे ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, भगवान शिव के त्रिनेत्र तीनों काल अर्थात वर्तमान काल, भूतकाल और भविष्य काल के प्रतीक माने जाते हैं।

शास्त्रों के अनुसार महादेव के दोनों आंखों में से एक आंख सूर्य और दूसरी आंख में चंद्रमा हैं। जबकि तीसरी आंख को विवेक अथवा ज्ञान चक्षु कहा गया है। कहा जाता है कि सभी देवों में महादेव भी अकेले ऐसे देव हैं, जिनसे इस सृष्टि की सच्चाई छुप नहीं सकती है।

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