द्रौपदी की पांच बातें जिसकी वजह से हुआ महाभारत का महायुद्ध
महाभारत के महायुद्ध में न सिर्फ भारत के राजाओं ने ही नहीं बल्कि विदेशों के राजाओं ने भी भाग लिया था। ये सबसे अहम युद्ध था जिसमे कई सैनिक और योद्धा मारे गए थे कि जमीन लाल हो गई थी। मुख्यत ये युद्ध अधर्म के नाश का था और कौरवों ने पांडवों ने इसमें भाग लिया था। इस युद्ध के पीछे पाँचों पांडवो की पत्नी द्रौपदी जिम्मेदार थी। आज हम आपको द्रौपदी की 5 ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके कारण ये युद्ध हुआ।
द्रौपदी की पहली बात जिसके कारण योद्धा महाभारत के युद्ध के तरफ मुड़ गए वो दुर्योधन के लिए कहा गया एक वाक्य 'अंधे का पुत्र अंधा'। घटना उस समय कि है जब पांडवों ने इंद्रप्रस्थ में युधिष्ठिर के राज्यभिषेक के समय कौरवों को इंद्रप्रस्थ में आमंत्रित किया। वहां पर दुर्योधन गिरने लगा तो उसे देख कर द्रौपदी हंसने लगी और उसे अंधे का पुत्र अँधा कहा। इस से दुर्योधन के मन में बदले की आग भड़कने लगी।
इंद्रप्रस्थ में अपमान के बाद दुर्योधन ने जुआ खलने के लिए युधिष्ठिर को हस्तिनापुर में आमंत्रित किया। जुएं में पांडव अपना राज पाठ और यहाँ तक की पत्नी द्रौपदी को भी हार गए। इसके बाद दुर्योधन ने द्रौपदी का वस्त्रहरण किया। इन सबके सामने पांडव कुछ भी नहीं कर पाए। उस समय द्रौपदी ने कहा अब से मेरे बाल तब तक खुले रहेंगे जब तक मैं इनमें दुशासन की छाती का लहू नहीं मलूंगी। इस से भी महाभारत के युद्ध को हवा मिली।
दूसरी बार जब पांडव जुए में हार गए और वनवास जाने लगे तब द्रौपदी ने भी वन में पांडवों क साथ जाने का फैसला किया जबकि पांडव चाहते थे कि द्रौपदी महल में ही रहे। लेकिन द्रौपदी ने कहा कि तुम जहाँ जाओगे मैं तुम्हारे साथ ही रहूगी ताकि तुम्हे अपने अपमान की याद दिलाती रहु इस से भी महाभारत का युद्ध हुआ।
द्रौपदी की तीसरी बात जो महाभारत युद्ध का कारण बनी वह है जयद्रथ को पांच चोटियों वाला बनाकर जीवित छोड़ देने की सजा। जब पाण्डव 13 साल का वनवास काट रहे थे तो एक दिन दुर्योधन का जीजा जयद्रथ द्रौपदी को अपहरण कर के उसे अपने साथ अपने राज्य ले जाने लगा। पांडवों ने जयद्रथ को बंदी बना लिया और उसे मृत्यु दंड देने लगे। लेकिन द्रौपदी ने ऐसा करने से मना किया और कहा कि इसकी सजा ये है कि उसके सारे बाल काट दिए जाएँ और केवल 5 चोटियां छोड़ दी जाए। ताकि यह किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहे।' जयद्रथ इस घटना के बाद पांडवों से बदला लेने की ताक में लग गया और महाभारत के युद्ध में जयद्रथ ने अभिमन्यु की हत्या कर दी।
द्रौपदी को कर्ण काफी पसंद था और वो कर्ण से विवाह भी करना चाहती थी लेकिन विवाह के समय अपने परिवार की मर्यादा और पिता की प्रतिज्ञा का ध्यान रखते हुए द्रौपदी ने यह कहते हुए कर्ण से विवाह करने से इंकार कर दिया कि वह सूत पुत्र है। कर्ण ने द्रौपदी के अपमान का बदला लेने के लिए जुए में जब पांडव द्रौपदी को हार गए तो कर्ण ने कहा कि जो स्त्री 5 पतियों के साथ रहती है उसका क्या मान सम्मान और अपमान। द्रौपदी ने कर्ण के इन शब्दों का बदला लेने के लिए अर्जुन को उकसाया और अंत में महाभारत के युद्ध में कर्ण को मारकर अर्जुन ने द्रौपदी का बदला पूरा किया।