आम चुनाव में केवल प्रधानमंत्री ही कर सकता है सरकारी विमान का इस्तेमाल, जानिए क्यों?
हमारे देश में जब भी आम चुनाव होते हैं, तब सिर्फ प्रधानमंत्री ही सरकारी विमान का इस्तेमाल कर सकता है। आखिरकार केवल प्रधानमंत्री को ही यह सुविधा क्यों मिली है, इसके पीछे बड़ी रोचक कहानी है। 1952 से लेकर अब तक 16 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। साल 2019 में देश का 17वां आम चुनाव होने जा रहा है। बता दें कि अब तक जितने भी आम चुनाव हुए हैं, केवल प्रधानमंत्री ही सरकारी विमान का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में कर सकता है।
यह बात उन दिनों की है, जब 1952 में देश का पहला आम चुनाव होने वाला था। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू चुनाव अभियान के लिए सरकारी विमान से यात्रा नहीं करना चाहते थे। उन्हें यह बात ठीक नहीं लग रही थी कि प्रधानमंत्री होने के नाते वो चुनाव प्रचार के लिए विमान का इस्तेमाल करें। कांग्रेस के पास इतने पैसे भी नहीं थे, कि वो पंडित नेहरू को 4 माह तक चले चुनावों के लिए अपने खर्च से विमान उपलब्ध कराए।
पंडित नेहरू इस बात पर अड़े हुए थे कि वो चुनाव प्रचार के लिए विमान का इस्तेमाल नहीं करेंगे। लेकिन एक बुद्धिमान ऑडिटर जनरल ने एक सुविधाजनक फार्मूला निकालकर पंडित नेहरू की नैतिक आपत्ति को ही खत्म कर दिया।
दुर्गादास की किताब कर्जन टू नेहरू के मुताबिक, प्रधानमंत्री के जीवन को सभी तरह के संकटों से बचाना देश की नैतिक जिम्मेदारी है। और ऐसा तभी संभव है जब प्रधानमंत्री विमान से यात्रा करें। प्रधानमंत्री की सुरक्षा राष्ट्रीय दायित्व है, लिहाजा राष्ट्र को उसके लिए व्यय भी करना चाहिए।
प्रधानमंत्री को देना पड़ता है विमान का किराया
प्रधानमंत्री का सरकारी विमान से यात्रा करने के लिए उतना ही किराया देना होता है, जितना कि किसी एयरलाइन में यात्री को देना होता है। पीएम के साथ मौजूद सुरक्षा स्टॉफ और निजी स्टॉफ का किराया भी सरकार अदा करती है। प्रधानमंत्री होने के नाते संचार के सभी साधनों विशेषकर अखबारों और रेडिया आदि पर प्राथमिकता मिलती थी। हर दिन पंडित नेहरू की जनसभा की तस्वीरें और भाषण का विस्तार रूप जनता के बीच पहुंचते थे। इसका फायदा उन्हें मिलता था।
पंडित नेहरू के बाद अन्य प्रधानमंत्रियों को भी यह सुविधा मिली। प्रधानमंत्री एक मात्र शख्स होता है जो चुनाव के दौरान सरकार से मिले विमान का इस्तेमाल कर सकता है। उसे चुनाव आयोग की तरफ से कोई मनाही नहीं होती है। जहां एयरपोर्ट नहीं हैं, वहां एयरफोर्स छोटे विमान अथवा हेलिकॉप्टर उपलब्ध कराता है। जिसका खर्च पीएमओ उपलब्ध करवाता है।