आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में राजस्थान की चुरु लोकसभा सीट पर सबकी नजरें बनी हुई हैं। इसके पीछे असली वजह यह है कि चुरु लोकसभा सीट से खड़े कांग्रेस के उम्मीदवार रफ़ीक मंडेलिया न सिर्फ़ राजस्थान बल्कि उत्तर भारत के 7 प्रमुख राज्यों की कुल 91 लोकसभा सीटों पर अकेले मुस्लिम प्रत्याशी हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर से कांग्रेस के टिकट पर खड़े हुए रफ़ीक मंडेलिया एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार हैं। ध्यान योग्य बात यह है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में चुरु सीट से कांग्रेस के टिकट पर खड़े हुए रफीक मंडेलिया सिर्फ 1850 वोटों से हार गए थे। इस बार रफीक मंडेलिया विकास, बिजली और पानी से जुड़े मुद्दों पर जनता से वोटों की अपील कर रहे हैं।

वरिष्ठ पत्रकार और विश्लेषक राजन महान का मानना है कि भाजपा हो या फिर कांग्रेस देश की सभी सियासी ​पार्टियां इस चुनाव में उम्मीदवार की खासियत से ज्यादा से उसके चुनाव जीतने की संभावना पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं। इन पार्टियों को लगता है कि एक मुस्लिम कैंडिडेट की नेचुरल अपील शायद सिर्फ़ मुस्लिम मतदाता तक ही रहेगी। यही वजह है कि मुस्लिम नेताओं को जल्दी टिकट नहीं दिया जाता है।

रफीक मंडेलिया कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी तो अल्पसंख्यकों को कभी टिकट देती ही नहीं। कांग्रेस पार्टी देती तो है लेकिन उनकी भी टिकटों में बदलाव होता रहता है, बतौर उदाहरण 2009 में मैं चुरु से लड़ा, फिर यहां मैंने काम किया लेकिन 2014 में किसी और को टिकट दे दिया गया। उम्मीदवार का लोकसभा क्षेत्र ऐसे लगातार बदली करने से उसके काम करने का क्षेत्र बदल जाता है, इसका सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ता है।

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