किन्नरों की दुनिया आम आदमी से हर मायने में अलग होती है। इनकी जिंदगी हमारी तरह सामान्य नहीं होती। इनके जीवन जीने के तरीके, रहन-सहन सब कुछ अलग-अलग होते हैं, इनकी दुनिया जितनी ही अलग होती है उतना ही इनके रीति-रिवाज़ और संस्कार भी उतने ही अलग होते है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जब किसी किन्नर की मौत हो जाती है, तब उसकी डेड बॉडी के साथ क्या किया जाता है? उसका अंतिम संस्कार कैसे किया जाता हैं?

किन्नरों के अंतिम संस्कार को गोपनीय रखा जाता है। बाकी धर्मों से ठीक उलट किन्नरों की अंतिम यात्रा दिन की जगह रात में निकाली जाती है। किन्नरों के अंतिम संस्कार को गैर-किन्नरों से छिपाकर किया जाता है। इनकी मान्यता के अनुसार अगर किसी किन्नर के अंतिम संस्कार को आम इंसान देख ले, तो मरने वाले का जन्म फिर से किन्नर के रूप में ही होगा।

वैसे तो किन्नर हिन्दू धर्म की कई रीति-रिवाजों को मानते हैं, लेकिन इनकी डेड बॉडी को जलाया नहीं जाता। इनकी बॉडी को दफनाया जाता है। अंतिम संस्कार से पहले बॉडी को जूते-चप्पलों से पीटा जाता है। ऐसा इसलिए करते है ताकि अगले जन्म में किन्नरों में जन्म न हो।

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